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बदायूं : सिरसा ठेर। जिसके नाम ही ठेर लगा हो तो यह ख्याल आता है कि गांव की हालत भी खस्ता ही होगी। है भी वैसा ही। वैसे तो यह गांव शहर के आंचल में बसा है लेकिन शहर जैसी सुख सुविधाओं से आज भी वंचित है। एक तरह से कह सकते हैं कि विकास की गंगा बहाने का दावा करने वालों की यह गांव पोल खोल रहा है। विकसित क्षेत्र बाईपास के बराबर में बसे गांव सिरसा ठेर में न तो कोई मूलभूत सुविधाएं दी गई हैं और न ही गांव वालों को बाहर निकलने के लिए कोई पक्का रास्ता दिया गया है। पुरानी मिट्टी और खड़ंजे वाली रोड पर जलभराव मौजूद है जिसकी वजह से कोई उस रास्ते से नहीं निकल सकता। ग्रामीण हर वक्त परेशानी झेलते हुए अपनी शिकायतें दर्ज कराते हैं, लेकिन उनकी फरियाद अनसुनी कर दी जाती है। स्थानीय स्तर पर सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने प्रधानमंत्री को चिट्ठी भेजी है।