सपने में बल्ब जलते देखन

कोसी-नंदगांव रोड पर कोकिलावन के पास स्थित गांव जाव इस बात का सबसे ताजा उदाहरण है कि पानी की बर्बादी हमें कहां पहुंचाने वाली है। दो दशक पहले तक इस गांव का पानी मीठा था। कभी यहां सुबह एवं शाम मीठे पानी के कुओं पर भीड़ लगती थी। पिछले करीब 25 वर्ष से गांव के पनघट सूने पड़े हैं। करीब आठ हजार आबादी वाले गांव के कुओं का पानी खारी हो गया। आसपास के नलकूप एवं बावड़ी का पानी कड़वा हो गया। बुजुर्ग बताते हैं कि गांव के आसपास करीब आधा दर्जन कुएं एवं नलकूप थे। पानी की कोई दिक्कत नहीं थी। समय गुजरने के साथ ही पानी का स्वाद भी बदल गया। पांच वर्ष में यह बिल्कुल कड़वा हो गया। वयोवृद्ध गिरधर सरपंच बताते हैं कि उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि गांव में मीठे पानी की दिक्कत होगी। आज पीने के पानी के लिए तीन किलोमीटर दूर दूसरे गांव जाना पड़ता है। युवा ग्रामीण मेघश्याम चौधरी बताते हैं कि सुबह शाम नलकूप से पानी आने का इंतजार करना पड़ता है। उन्होंने घर में करीब एक हजार लीटर पानी भरने की व्यवस्था की है। बुजुर्ग खेमचंद बताते हैं कि गांव में मीठे पानी की कोई कमी नहीं थी। पानी भी काफी ऊंचे थे। आज गांव के किसी कोने में मीठा पानी नहीं है। कुआं में कभी मीठा पानी था। हम लोगों ने उन कुओं से पानी भरा है। धीरे-धीरे कर पानी का स्वाद बदलता चला गया। इसके बाद सभी ने वहां से पानी भरना बंदकर दिया। अब तो घर-घर में पानी के कनेक्शन हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में एलईडी

Oct 28, 2022 Ferguson

प्रधानमंत्रीनरेंद्रमोदीनेदिल्लीमेंघरोंमेंऊर्जाकीबचतकरनेवालेउपकरणोंकेइस्तेमालकोप्रोत्साहितकरनेकेकार्यक्रमकेतहतसोमवारकोएलई