कटिहार।जिलेकेफलकाप्रखंडकेरहटापंचायतमेंलगातार10वर्षोंतकसरपंचपदपरआसीनपूर्वसरपंचसुषमादेवीपिछले15वर्षोंसेनकेवलघरकाचूल्हा-चौकासंभालतीहैंबल्किसाक्षरताऔरजीविकासेजुड़करआदिवासीसमाजमेंशिक्षाकाअलखभीजगारहीहैं।उसकाप्रमुखउद्देश्यग्रामीणोंकोशिक्षितकरनाभीहै।इसकेलिएवहबच्चोंकोस्कूलभेजनेकेलिएअभिभावकोंकोप्रेरितकरतीहैं।साथहीनिरक्षरग्रामीणोंकोभीपढ़ानेकाबीड़ाउठारखीहैं।उनकेप्रयाससेइसपंचायतकीसाक्षरतादर38.02फीसदहै।
2006मेंनिर्वाचितहुईसरपंच
प्रखंडमुख्यालयसेसातकिलोमीटरउत्तरमेंस्थितरहटापंचायतकेबेलगच्छीआदिवासीगांवकीरहनेवालीसुषमादेवीमहिलासीटकेलिएआरक्षितहोनेपरपहलीबार2006मेंचुनावमैदानमेंउतरीथीऔरफिरसरपंचचुनीगईथी।
लगातारदोमर्तबा2016तकसरपंचपदपरआसीनरही।इसकेसाथहीघरकाकामकाजनिपटानेकेअलावागांवकेविकासकेलिएजूझनेकासिलसिलाजारीरहा।उच्चशिक्षाऔरपारिवारिकसहयोगमिलनेसेपहलेहीकार्यकालमेंउसनेग्रामीणोंकादिलजीतली।
सरपंचकेकार्योंकीव्यस्तताकेबावजूदमेहनतऔरलगनकापरिणामहैकिआजरहटापंचायतविकासकेसाथ-साथसाक्षरतादरमेंभीछलांगलगारहाहै।इसमामलेमेंसिर्फग्रामपंचायतहीनहींबल्किसुषमादेवीनेभीप्रखंडमेंएकअलगहीपहचानबनालीहै।आदिवासीवर्गकेहीमहिलाऔरपुरूषआजसाक्षरबनकरउनकादायित्वनिभारहेहैं।सुषमसरपंचपदपरआसीनहोतेहुएभीबच्चेसहितपंचायतकेबड़े-बूढ़ोंऔरखासकरमहिलाओंकोसाक्षरताकापाठपढ़ातीरहीहैंऔरआदिवासीसमाजमेशिक्षाकाअलखजगारहीहैं।
यहांवर्षोंसेशराबपरपाबंदी:
रहटाकेबेलगछीगांवमेंलगभग2000कीआबादीनिवासकरतीहै।इसमेंअधिकांशपरिवारआदिवासीसमुदायसेहैं।बिहारमेंशराबबंदीकानूनलागूहोनेसेपूर्वसेहीयहांसुषमादेवीद्वाराशराबबनानेवबेचनेपरपाबंदीलगाईगईहै।इसमेंगांवकीमहिलावपुरूषभीसहयोगकरतेहैं।-----
लड़का-लड़कीकाभेदभावहोखत्म:
सुषमासमाजमेंबरतीजानेवालीभेदभावसेआहतहैं।उनकाकहनाहैकिशिक्षासबकाहकहै।लड़कियांभीउच्चशिक्षाप्राप्तकरअपनेपैरोंपरखड़ीहोसकतीहैं।लड़केवलड़कियोंमेंभेदभावनहींबरतीजानीचाहिए।