नईदिल्ली,विनीतशरण।हरासोनासबसेकीमतीहोताहै।भारतइसकीकीमतजानताहैक्योंकिआजादीकेवक्तहममुश्किलसेदेशकीआबादीकापेटभरनेलायकअनाजउगापातेथे।तबभारतकीआबादी34करोड़थी।आजआबादी130करोड़है।औरहमखाभीरहेहैंऔरनिर्यातकरदुनियाकोखिलाभीरहेहैं।यहसंभवहुआपिछले75सालमेंआईहरितक्रांति,श्वेतक्रांति,नीलीक्रांति,कृषिमशीनरी,कृषिवैज्ञानिकोंऔरप्रगतिशीलकिसानकेदमपर।जिसनेदेशकोअनाजकाकटोराबनादिया।तोकृषिसेक्टरकेचारदिग्गजोंभारतीयकृषिअनुसंधानपरिषदकेउपमहानिदेशक(कृषिविस्तार)डॉ.अशोककुमारसिंह,योजनाआयोगकेपूर्वसदस्यएनसीसक्सेना,पूर्वमुख्यतकनीकीसलाहकारएवंपरियोजनाप्रबंधक,विश्वखाद्यसंगठन,(संयुक्तराष्ट्रसंघ)डॉ.रामचेतचौधरीऔरएग्रीकल्चरइकोनामिस्टदुर्गेशशर्माकेसाथइससेक्टरकीहरियालीसेभरीहुईविकासयात्राकोदेखतेहैं।साथहीजानतेहैंकिअगलेपांचसालकैसेकृषिबेहतरहोगी।
भारतीयकृषिअनुसंधानपरिषदकेउपमहानिदेशक(कृषिविस्तार)डॉ.अशोककुमारसिंहबतातेहैंकिजबदेशआजादहुआतोखाद्यान्नउत्पादन50मिलियनटनथाजोआजबढ़कर308मिलियनटनहोगयाहै।हमखाद्यान्नमेंआत्मनिर्भरहै।हमदूध,मछलीऔरबागवानीमेंभीआत्मनिर्भरहैं।केवलएकक्षेत्रतिलहनकाहैजिसमेंथोड़ीकमीहैलेकिनसरकारइसेसुधारनेकेलिएकामकररहीहै।
अगलेपांचसालमेंइन5बदलावपरकामहोगा
1.भंडारणऔरप्रसंस्करणपरदेंगेजोर
डॉ.अशोककुमारसिंहकहतेहैंकिअगलेपांचसालोंमेंहमेंभंडारणऔरप्रसंस्करणपरकामकरनाहोगाताकिसब्जी-फलऔरअन्यफसलोंकीबर्बादीकमहो।हमेंफसलोंकीविविधताबढ़ानीहोगी,जिससेलोगलाभवालीफसलेंउगाएं।वहींबागवानीकोआगेबढ़ानाहोगा।जलवायुपरिवर्तनकेहिसाबसेखेतीमेंबदलावलाएं।इसपरहमकामकररहेहैं।
2.आर्टिफिशियलइंटेलिजेंसकाहोगाइस्तेमालऔर100गुनाबढ़ेगाएग्रीटेक
देशमेंकईस्टार्टअपनेकृषिसेक्टरमेंकामकरनाशुरूकियाहै।वेकृषिकोइनोवेशनऔरकृत्रिमबुद्धिमत्ता(एआई)जैसीतकनीकसेजोड़रहेहैं।येएपकृषिश्रमसेलेकरफिनटेकऔरडेटाएनालिटिक्सतककीसुविधादेतेहैं।जैसे-हैदराबादस्थितनेबुलाकृषिउत्पादोंकेगुणवत्तापरीक्षणकोअनुकूलितकरनेकेलिएएआईकाउपयोगकरताहै।उसकासॉफ्टवेयरMATT,केवलएकमिनटमेंअनाज,अनाजऔरदालोंकातेजीसेगुणवत्ताविश्लेषणकरनेकेलिएAIऔरइमेजप्रोसेसिंगकाउपयोगकरताहै।इसकेअलावाEruvakaकेइंटरनेटऑफथिंग्सऔरएआईएप्लिकेशनकाभीइस्तेमालखेतीमेंहोरहाहै।प्रीडिक्शनएल्गोरिदमसेस्मार्टफार्मिंगसलूशनतैयारकररहेहैं।Inc42केएकविश्लेषणकेअनुसार,2025तक,एग्रीटेककाबाजार24बिलियनअमेरिकीडॉलरतकपहुंचनेकीउम्मीदहै।वर्तमानमें,केवलएकप्रतिशत(204मिलियनअमेरिकीडॉलर)है।
3.बायोटेक्नोलॉजीऔरनैनोटेक्नोलॉजी
नीतिआयोगकीएकरिपोर्टकेमुताबिकबायोटेक्नोलॉजीऔरब्रीडिंगकेइस्तेमालसेरोगप्रतिरोधी,जलवायुअनुकूल,अधिकपौष्टिकऔरस्वादिष्टफसलकिस्मोंकोविकसितकियाजाएगा।वर्टिकलफार्मिंगऔरशहरीखेतीकोबढ़ावादियाजाएगा।वहींबंजररेगिस्तानऔरसमुद्रीजलजैसीजगहोंमेंभीउत्पादनकेनएक्षेत्रोंखोजनेकेलिएदीर्घकालिकप्रयासभीहोंगे।वहींनैनोटेक्नोलॉजीसेनिकटभविष्यमेंफूडक्वालिटीकोबेहतरकियाजाएगा।इफकोपहलेहीनैनो-उर्वरकमेंसफलपरीक्षणकरचुकीहै।
(फोटोस्रोत-कृषिमंत्रालयफेसबुकपेज)
4.आर्गेनिकफार्मिंगसेबढ़ेगीशुद्धता
डॉ.अशोककुमारसिंहकहतेहैंकिआर्गेनिकफार्मिंगपरजोरदेनाहोगाक्योंकिअच्छेखानेकेतरफलोगोंकारुझानबढ़ाहै।हमारेकृषिवैज्ञानिकइसेकिसानोंकेखेतोंतकलेजाएंगे।भारतीयकृषिअनुसंधानपरिषदनेकाफीअच्छाकामकियाहैऔरबेहतरबीजऔरतकनीकतैयारकरेंगे।डा.रामचेतचौधरीभीजैविकखेतीपरजोरदेतेहैं।वहकहतेहैंकिकृषिउत्पादनवृद्धिहुएहैलेकिनहमनेबहुतकुछखोयाहैरासायनिकखेतीसेहमारीऔरधरतीदोनोंकीसेहतखराबहुईहै।अबहमेंजैविकखेतीकीओरबढ़नाहोगा।
5.भविष्यमेंभीभारतमेंखाद्यान्नकीदिक्कतनहींहोगी
यूएनकीरिपोर्टकेमुताबिक2027तकभारतचीनकोपीछेछोड़सबसेज्यादाआबादीवालादेशबनजाएगाऔर148करोड़पहुंचसकतीहै।नीतिआयोगकीरिपोर्टकेमुताबिकअनुमानहैकिइसआबादीकेलिए2028में119-120मिलियनटनचावल,110-111मिलियनटनगेहूं,27-29मिलियनटनदालकीजरूरतहोगी।कृषिविशेषज्ञोंकादावाहैकिदेशकाकृषिसेक्टरइनजरूरतोंकोपूराकरनेलिएतैयारहै।
एनसीसक्सेनाकेमुताबिकवर्तमानमेंजनसंख्यावृद्धिकीदर1.2-1.3फीसदहैजबकिखाद्यानउत्पादनकीदरउससेज्यादा2से3फीसदहै।वहीं2050केजनसंख्याकमहोनाशुरूहोजाएगी।वहींखेतोंकीउत्पादकताहमारेदेशमेंदूसरेदेशोंजैसेचीन,थाईलैंडसेकमहै।इसलिएउत्पादकताबढ़ानेकेलिएरासायनिकखादकाइस्तेमालकमकरकेहरितखादकोबढ़ावादेनाहोगा।बिजलीकीजगहसोलरएनर्जीसेपंपचलानेहोंगे।
(फोटोस्रोत-कृषिमंत्रालयफेसबुकपेज)
आजादीकेबादकृषिकेबड़ेपड़ाव
1.1947औरबादकेसालोंमेंअनाजकीभयंकरकमी
पूर्वमुख्यतकनीकीसलाहकारएवंपरियोजनाप्रबंधक,विश्वखाद्यसंगठन,(संयुक्तराष्ट्रसंघ)डा.रामचेतचौधरीबतातेहैंकिजबआजादीमिलीतोवहसिर्फपांचसालकेथे।उन्होंनेदेशकोपिछले75सालोंमेंबढ़तेदेखाहै,खासकरकृषिमें।वहबतातेहैंकिआजादीकेबादकेकईसालोंतकगांवजोपूरेदेशकोखिलाताहैउसकेपासखुदखानेकोनहींथा।गांवमेंसरकारीराशनकीदुकानोंपरअनाजमिलताथा।अमेरिकासेआयाहुआसड़ा-अनाज।
2.1952मेंभूमिसुधारऔरआई1960केदशकमेंआईग्राउंडवाटरतकनीक
1952केबादउत्तरप्रदेश,बिहारजमींदारीखत्महोनेकेबादकिसानोंकोफायदामिला।1970केदशकमेंभूमिसुधारपश्चिमबंगाल,कर्नाटकऔरकेरलमेंहुए।वहीं1960केदशककेआखिरीसालोंमेंहीदेशमेंहीग्राउंडवाटरतकनीकआगईहै।
3.1966-67कीहरितक्रांति
एग्रीकल्चरइकोनॉमिस्टदुर्गेशशर्माबतातेहैंकिहरितक्रांतिनोबेलपुरस्कारविजेताप्रोफेसरनारमनबोरलॉगनेशुरूकीथीऔरभारतमेंहरितक्रांतिकीशुरुआतकीथीकृषिवैज्ञानिकएमएसस्वामीनाथनने।इसमेंबेहतरबीजऔररासायनिकखादकेइस्तेमालसे1968मेंगेहूंमेंमैक्सिकनसीडसेउत्पादनबढ़ा।
4.फिरआईश्वेतऔरनीलीक्रांति
श्वेतयासफेदक्रांतिकोऑपरेशनफ्लडकेरूपमेंजानाजाताहै।ऑपरेशनफ्लडकार्यक्रम1970मेंशुरूहुआथा।प्रथमचरणकेदौरानऑपरेशनफ्लडनेदेशके18प्रमुखदुग्धशेड़ोंकोदेशकेचारमुख्यमहानगरों–दिल्ली,मुंबई,कोलकाताऔरचेन्नईकेउपभोक्ताओंकेसाथजोड़ाऔरदूधकापाउडरबनाकरइसकीशुरुआतकी।धीरे-धीरेयहयोजना18सेबढ़कर136होगई।दूध290नगरोंकेबाजारोंमेंउपलब्धहोनेलगा।1985केअंततक43,000आत्मनिर्भरग्रामदूधसहकारीसमितियोंकीव्यवस्थाबनचुकीथी।घरेलूपाउडरउत्पादनजोयोजनाकेपूर्ववर्षमें22,000टनथावह1989मेंबढ़कर1,40,000टनहोगया।
उसीदौरमेंमछलीउत्पादनकोबढ़ावादेनेकेलिएएकविशेषयोजनाचलाईगईथी,जिसेनीलीक्रांतिकानामदियागया।नीलीक्रांतिकीवजहसेभारतमछलीउत्पादनमेंविश्वकादूसरेनंबरकादेशहै।पांचवीपंचवर्षीययोजनामेंभारतसरकारने1970मेंनीलीक्रांतिकोशामिलकियाथा।तभीसेमछलीउत्पादनमेंभारततेजीसेआगेबढ़रहाहै।
(फोटोस्रोत-भारतीयकृषिअनुसंधानपरिषदफेसबुकपेज)
5.1980और90कादशकसिंचाईऔरतकनीकपरजोर
1980केदशकमेंसिंचाईऔरतकनीककेदमपरधानकाउत्पादनकाफीबढ़ा।1951मेंभारतकासिंचाईकवरफसलक्षेत्रलगभग22.6मिलियनहेक्टेयरथा,और1995केअंतमेंयहबढ़कर90मिलियनहेक्टेयरहोगया,जिसमेंनहरेंऔरभूजलकुओंकाकाफीयोगदानरहा।
6.2000केबादनॉनक्रापएग्रीकल्चरबढ़ा
योजनाआयोगकेपूर्वसदस्यएनसीसक्सेनाकहतेहैंकिपिछले20सालमेंसबसेज्यादाप्रगतिहुईहैनॉनक्रापएग्रीकल्चरयानीऐसीफसलजोखेतमेंनहींउगती।जैसेदूध,पोल्ट्री,मछलीपालनऔरफलउत्पादन।21वींसदीकीशुरुआतकेबादसेदेशमेंट्रैक्टरऔरअन्यउपकरणोंकाइस्तेमालभीकाफीबढ़ाहै।
(फोटोस्रोत-भारतीयकृषिअनुसंधानपरिषदफेसबुकपेज)
इनचुनौतियोंकोपारकरनाहोगा
योजनाआयोगकेपूर्वसदस्यएनसीसक्सेनाकहतेहैंकिप्रगतिभीहुईहैऔरसमस्याएंभीहैं।पिछले75सालमेंभारतमेंजनसंख्यामें4सेसाढ़ेचारगुनावृद्धिहुईहै।वहींखाद्यान्नउत्पादनमेंलगभगसाढ़े5गुनावृद्धिहुईहै।परलोगोंकेपासक्रयकीक्षमताज्यादानहींहैइसलिएभूखऔरगोदाममेंअनाजदोनोंमौजूदहैं।ग्राउंडवाटरकानीचेजानाभीबड़ीसमस्याहै।पंजाबमेंअगरज्यादापानीखपतवालीफसलेंउगाईगईंतोआनेवालेकुछसालोंनेभूजलकीकाफीदिक्कतहोगी।महाराष्ट्रमेंसूखाग्रस्तइलाकोंमेंगन्नेकीफसलउगरहीहैयेसहीनहींहै।देखनापड़ेगाकिवातावरणकेमुताबिकखेतीकैसेकरें।वहींहमेंकोल्डस्टोरेजभीविकसितकरनेहोंगे,जिससेकिसानोंकीआयबढ़े।वहींकोल्डस्टोरेजकेलिएट्रककीव्यवस्थाहोजिसमेंसामानखराबनहो।वहींकईनियंत्रणखत्महोनाचाहिए,जिससेकिसानआसानीसेकोल्डस्टोरेजखोलसकें।अभीकृषिभूमिकोगैरकृषिभूमिमेंबदलावकेलिएइजाजतचाहिए।पुरानेकानूनखत्महोनेचाहिए।हमेंनईतकनीकपरध्यानदेनाचाहिए।जैसेबांग्लादेशमेंपंपडीजलयाबिजलीसेनहींचलतेहैं।वहांमहिलाएंसाइकिलकीतरहपंपचलाकरखेतकीसिंचाईकरतीहैं।
एग्रीकल्चरइकोनॉमिस्टदु्र्गेशशर्माकहतेहैंकिपहलेकृषिकाजीडीपीमेंयोगदानज्यादाथालेकिनसर्विसेजऔरमैन्युफैक्चरिंगकायोगदानबढ़नेकेकारणजीडीपीमेंयोगदानकमहुआहै।परकोविड-19मेंयहीक्षेत्रहैजिसनेलोगोंकोराहतदीहै।आनेवालेसमयमेंप्रयासकिएकियाजारहाहैकिकिसानोंकोअच्छामूल्यमिलेऔरउपभोक्ताओंकोभीफायदाहो।हमारेदेशमेंआबादीबढ़नेकेसाथहरचीजकीमांगभीबढ़रहीलेकिनयहकिसानोंकाप्रयासहैकिखाद्यान्नउत्पादनलगातारबढ़तारहे।
-44फीसददेशकीकामकाजीआबादीकोकृषिमेंरोजगारमिलाहै
-66फीसदलोगअबभीगांवमेंरहतेहैं
-16.5फीसदकृषिसेक्टरकायोगदानहैकृषिसेक्टरमें
-140मिलियनहेक्टेयरजमीनपरदेशमेंखेतीहोतीहै
-48.7फीसदखेतोंमेंहीसिंचाईकीसुविधाउपलब्धहै
(इनपुट-विवेकतिवारी,मनीषकुमारऔरअनुरागमिश्र)