संवादसूत्र,फाजिल्का:श्रीगोरक्षिणीसभाफाजिल्कावश्रीशिवशंकरनंदीशालारामपुराद्वाराआयोजितसातदिवसीयश्रीमद्भागवतकथाकासमापनरविवारकोहवनयज्ञकेसाथहुआ।इसदौरानमुख्ययजमानोंद्वाराहवनयज्ञसंपन्नकरवानेकेबादगोमाताकापूजनकरवायागया।
वहींअंतिमदिनकथावाचकभाईनरेशनेकहाकिपरमात्मासेमिलनेकासर्वोत्तमसाधनहैश्रीमद्भागवतहै।उन्होंनेकहाकिसत्यहीपरमात्माहैऔरसत्यकेसहारेहीनरनारायणकेसमीपपहुंचाजासकताहै।असत्यबोलनेसेजीवकेपुण्यक्षणहोतेहैं।कलियुगमेंकेवलदानहीप्रधानहै,जबकिसतयुगमेंधर्मकेचारतत्वथे।त्रेतामेंसत्यचलागया,द्वापरमेंसत्यऔरतपनरहेऔरकलियुगमेंतोसत्य,तपऔरपवित्रतातीनोंचलेगए।जीवकेवलदानदेकरऔरप्रभुनामजपकरहीअपनेजीवनकोदिव्यबनासकताहै।उन्होंनेकहाकिभोगमयीजीवनसेठाकुरदूररहतेहैंऔरशुद्धहृदयवालोंमेंनिवासकरतेहैं।सद्गुरुकीकृपासेजीवईश्वरदर्शनकरसकताहै।सांसारिकपदार्थोंमेंवास्तविकसुखनहींहै।परमात्मातोपरमानंदहैं।श्रीगौरक्षणीसभाकेअध्यक्षअशोकगुलबद्धरनेबतायाकिअश्विनमासपितृपक्षकेउपलक्ष्यमेंउक्तकथाकाआयोजनकियागया।आयोजनमेंअनमोलगुलबद्धर,रोशनलालभूसरी,राजारामसचदेवा,सुभाषचंद्रकटारिया,सतीशकुमारसचदेवा,सुभाषचंद्रचलाना,विनोदकुमारनागपाल,बाबूलालछोकरा,अंकुशवाट्स,अमृतलालगुंबर,हैप्पीशर्मा,संदीपवढ़ेराआदिनेसहयोगकिया।