देहरादून,सुमनसेमवाल।घोड़ेऔरगैंडेकीउत्पत्तिकोलेकरअभीतकविज्ञानियोंकेअलग-अलगमतरहेहैं।पहलीबारतथ्योंकेसाथयहबातकहीगईहैकिइनप्राणियोंकीउत्पत्तिभारतमेंहुईहै।यहनिष्कर्षवाडियाहिमालयभूविज्ञानसंस्थानकेविज्ञानियोंनेगुजरातसेमिलेजीवाश्मकेअध्ययनकेआधारपरनिकाला।जीवाश्मकरीबपांचकरोड़सालपुरानेहैं।घोड़ोंवगैंडोंकेइतनेपुरानेजीवाश्मपहलेनहींपाएगए।
जीवाश्मकीयहखोज'वर्टेब्रेटपैलिएंटोलाजी'जर्नलमेंप्रकाशितकीजाचुकीहै।शोधमेंशामिलरहेवाडियाहिमालयभूविज्ञानसंस्थानकेवरिष्ठविज्ञानी(अबसेवानिवृत्त)किशोरकुमारनेबतायाकिजीवाश्मकीखोजगुजरातकेसूरतजिलेमेंताड़केश्वरस्थितलिग्नाइटकीखदानमेंकरीबपांचसालपहलेशुरूकीगईथी।इसखोजमेंअमेरिकाऔरबेल्जियमकेविज्ञानीभीशामिलथे।वहांउम्मीदकेअनुरूपघोड़ोंवगैंडोंकेअलावाटैरिट(सूंडवालाप्राणी)केजीवाश्मभीमिले।इनकाअध्ययनकरनेपरपताचलाकिजीवाश्मसेसंबंधितप्राणियोंकाआकारउससमयकुत्तेकेसमानथा।क्रमिकविकासहोनेपरअबइनकाआकारपहलेकीतुलनामेंकाफीबड़ाहोगयाहै।इससेपहलेभीताड़केश्वरकीखदानसेमेंढक,सांप,कछुआवबंदरकेजीवाश्ममिलचुकेहैं।जीवाश्ममिलनेकाक्रमजारीहै,लिहाजाविज्ञानियोंकीनजरइसजगहपरबनीहुईहै।
जहांखदान,वहांपहलेथीझील
वाडियासंस्थानकेअध्ययनमेंयहभीपताचलाहैकिइससमयजहांपरखदानहै,वहांपांचकरोड़सालपहलेतकझीलथी।अध्ययनसेयहभीपताचलताहैकिउससमयमौसमशुष्कनहींथा।क्योंकिजिनप्राणियोंकेजीवाश्ममिलेहैं,उनमेंसेअधिकतरशाकाहारीहैं।शाकाहारीप्राणियोंकावासस्थलवहींहोताहै,जहांवनस्पतिवसाफपानीपर्याप्तमात्रामेंहो।
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