जागरणसंवाददाता,मथुरा:अपनोंकीदुत्कारसेयहांवृद्धाश्रममेंरहरहेबुजुर्गअबजिंदगीकेअंतिमपलब्रजकीरजमेंहीबितानाचाहतेहैं।यहांसुविधाएंभीऐसीकिउनकामनभीआश्रमछोड़करजानेकोहीनहींकरता।
जयगुरुदेवमंदिरकेनिकटसलेमपुररोडस्थितललितानगरमेंवृद्धाश्रमहै।यहां60वर्षसेअधिककीआयुके54पुरुषऔर30महिलाएंरहरहींहैं।येइटावा,भोपाल,दिल्ली,छत्तीसगढ़,गाजियाबाद,अलीगढ़,जनकपुरआदिस्थानोंकेहैं,जोअपनोंकेठुकरानेकेबादयहांआकरबसगएहैं।इनकीदिनचर्यासुबहतीन-चारबजेउठनाऔरदैनिकक्रियाओंसेनिवृत्तहोकरभजन-कीर्तनवपूजा-पाठशामिलहै।अपनामनलगानेकेलिएकभीयेकिताबोंकासहारालेतेहैंतोकभीआपसमेंबतियातेभीहैं।कभी-कभारछोटी-छोटीबातोंपरआपसमेंकहासुनीभीहोजातीहै,लेकिनवहसिर्फकुछक्षणोंकीहीहोतीहै।सुबहसातबजेनाश्ताकरनेकेबादआरामकरतेहैं।दोपहर12बजेखानाखानेकेबादआरामकरतेहैं।इसीतरहरातआठबजेखानाऔरफिरआरामकरनाहोताहै।आरामकेअलावाइन्हेंकोईकामनहींकरनाहोताहै।
बतादेंकिअलीगढ़कीएनजीओअशर्फीग्रामोद्योगद्वारासितंबर,2015मेंबुजुर्गोकीसेवाकेउद्देश्यसेइसेशुरूकियागयाथा।संस्थाकेगाजियाबादवहाथरसमेंभीवृद्धाश्रमसंचालितहैं।सेवामेंलगाहै16लोगोंकास्टाफ:
आश्रममेंरहरहेबुजुर्गोकीसेवाकेलिए16लोगोंकास्टाफहै।येसभीवेतनभोगीहैं।इनमेंचाररसोइए,एकलेखाकार,दोसुरक्षाकर्मी,तीनसेवाकर्ता,एकअधीक्षिका,एकसहायकअधीक्षिका,दोस्वीपर,एकमालिकवएकभंडारप्रभारीशामिलहैं।हरगुरुवारकोचिकित्सकोंकीटीमयहांआकरमरीजोंकाउपचारकरतींहै।साथहीउनकेलिएदोफ्रिज,दोआरओवाटरकूलरऔरकपड़ेधोनेकेलिएवा¨शगमशीनतककीसुविधाहै।वर्जन---
कोशिशरहतीहैकिहरबुजुर्गकोउनकेपरिवारकीकमीमहसूसनहींहोनेदीजाए।सभीस्टाफकेलोगउन्हेंपरिवार-सामाहौलहोनेकाअहसासदिलातेहैं।उनकीसभीजरूरतेंसंस्थाद्वारापूरीकीजातीहैं।-बसंतीदेवी,अधीक्षिका
परिवारसेज्यादायहांसुख-शांतिहै।किसीभीप्रकारकीकोईपरेशानीनहींहै।समयपरभोजनऔरधुलेकपड़ेमिलतेहैं।यहांकेलोगोंकोकोईलोभ-लालचयाकिसीचीजकामोहनहींहै।-कांताप्रसादसक्सेना,अलीगढ़
बेटानहीं,तीनबेटियांहैं।इनसेमिलनेकीइच्छाहोतीहै।पतायादनहोनेकेकारणउनसेनहींमिलपारहे।यहांसभीसुविधाएंहैं,लोगपूराख्यालरखतेहैं।बीमारहोनेपरदवाइयांभीदिलवातेहैं।-मधुदेवी,इटावा
हरकोईब्रजमेंहीअपनेअंतिमदिनगुजारनाचाहताहै।इच्छाभीयहीहैकियहींभगवानकेचरणोंमेंप्राणनिकलें।यहांहंसी-खुशीदिनकटरहेहैं,सेवामेंलगेलोगखाने-पीनेकापूराख्यालरखतेहैं।
-महीपाल¨सह,कासगंज