मथुरा,विवेकदत्त।¨हदीसाहित्यकेसुप्रसिद्धआलोचकनामवर¨सहकीआलोचनापरंपरासेजुड़ेदोनामदारशिष्यब्रजमेंभीहैं।ब्रजकेदोनोंहीशिष्य¨हदीजगतमेंप्रभावीसाहित्यिकहस्तक्षेपकेलिएजानेजातेहै।येदोनोंनाममनमोहनचतुर्वेदीऔरजगदीश्वरचतुर्वेदीहै।
गुर्जरहट्टाचौबियापाड़ा,मथुरागेटनिवासी67वर्षीयमनमोहनएमडीविश्वविद्यालयरोहतकसे¨हदीकेसेवानिवृत्तप्रोफेसरऔरकविहैं।इससमयरोहतकमेंहीरहतेहैं।जगदीश्वरचतुर्वेदीकोलकताविश्वविद्यालयके¨हदीविभागकेविभागाध्यक्षपदसेसेवानिवृत्तहैं।1984-85मेंजेएनयूछात्रसंघकेअध्यक्षरहचुकेहैं।
विश्रामघाटनिवासी62वर्षीयजगदीश्वरचतुर्वेदीनेबतायाकिमनमोहननामवरकेप्रियशिष्यरहेहैं।जेएनयूमेंअध्ययनकेदौरानखुदनामवरमनमोहनसेमिलनेहॉस्टलआतेथे।जगदीश्वरचतुर्वेदीनेजेएनयूसेनामवर¨सहकेसानिध्यमेंएमए¨हदी,एमफिलऔरपीएचडीकी,उससमयनामवरजेएनयूमेंस्कूलऑफलैंग्वेजेजकेडीनहुआकरतेथे।गुरु-शिष्यपरंपराकेरिश्तोंकीचर्चाकरतेहुएजगदीश्वरबतातेहैंकिनामवरजीसहजऔरसरलव्यक्तित्वकेधनीहोनेकेसाथशानदारशिक्षकरहे।वहअपनेशिष्योंकोनईचीजकेलिएप्रोत्साहितकियाकरतेथे।नामवरआजादीकेबाद¨हदीसाहित्यपरसबसेज्यादालिखनेवालेलेखकऔरआलोचकरहेहैं।
तीनसालपहलेजगदीश्वरनेनामवरपरलिखीकिताबनामवर¨सहऔरसमीक्षाकेसीमांतउनकोभेंटकीऔरतीनघंटेबैठकरबातचीतहुई।जबजगदीश्वरनेउनसेपूछाकिआपकोनास्तिककिसनेबनाया,तोनामवरनेकहाकिमहापंडितराहुलसांकृत्यायननेबनाया।फिरआपमंदिरक्योंजातेहैंतोउसकेजवाबमेंकहाकिमंदिरहमारेशिष्टाचारऔरप्राचीनसंस्कृतिकेकेंद्रहै।जगदीश्वरनेबतायाकिनामवर¨सहकेखुदकेपसंददीदाआधुनिककवियोंमेंकेदारनाथअग्रवाल,बाबानागार्जुनऔरमध्यकालीनकवियोंमेंकबीरदासथे।