जगदलपुर[अनिलमिश्र]। इनदिनोंबस्तरकीघाटीमेंविशेषप्रकारकेफूलखिलेहैंजोदिखनेमेंकिसी'वायरस'कीतरहहैं। ताज्जुबकीबातहैकिसामान्यफ्लूू याकोविड-19जैसीबीमारीकेजड़मेंवायरसकीतरहदिखनेवालेइसफूलकीपत्तियोंमेंऔषधीयगुणभीमौजूदहैं।
बतादेंकिपूरीदुनियामेंनॉवेलकोरोनावायरसनेएकलाखसेअधिकलोगोंकीजानलेलीहैइसलिएलोगअबवायरसकीसंरचनासेमिलतीकिसीभीतस्वीरयाआकृतिसेघबरानेलगेहैंं।लेकिनबस्तरसंभागकेचित्रकोटकेसमीपमटनारघाटीमेंखिलेअल्लीफूलकोईवायरसनहींहैं।हूबहूवायरसकीतरहबनावटवालेइनफूलोंसेअभीबस्तरकीपथरीलीघाटियोंमेंखूबसूरतीछाईहै।घाटीमेंखिलेअल्लीफूलमेंऔषधीयगुणभीपाएजातेहैं।इसकाउपयोगरंगबनानेमेंभीकियाजाताहै।
पहलीबारपुणेमेंलीगईवायरसकीतस्वीर
उल्लेखनीयहैकिभारतीयचिकित्साअनुसंधानपरिषद(आइसीएमआर)केपुणेस्थितनेशनलइंस्टीट्यूटऑफवायरोलॉजी(एनआइवी)केवैज्ञानिकोंनेमार्चकेअंतमेंपहलीबारनएकोरोनावायरसकीतस्वीरेंउजागरकी।यहतस्वीरइमेजट्रांसमिशनइलेक्ट्रॉनमाइक्रोस्कोप(टेम)इमेजिंगकाइस्तेमालकरकेलीगई।इनतस्वीरोंकोइंडियनजर्नलऑफमेडिकलरिसर्चमेंप्रकाशितकियागयाहै।
सिर्फबस्तरमेंहैऑलीयाअल्ली फूल
वनस्पतिशास्त्रीडॉएमएलनायकनेबतायाकिऑलीफूलकोछत्तीसगढ़मेंसिर्फबस्तरकीपथरीलीघाटियोंमेंहीदेखागयाहै।स्थानीयग्रामीणअल्लीकेनामसेइसेपहचानतेहैं।यहमेलास्टोमेसपरिवारकासदस्यहैऔरइसकावैज्ञानिकनाममेमेकोलीनएड्यूलहै।भारतमेंयहऑली,आयरनवुडतोश्रीलंकामेंकोराकह(नीलीधुंध)केनामसेचर्चितहै।इसमेंपीलीडाईवग्लूकोसाइडहोताहै।श्रीलंकाकेतटीयक्षेत्रोंमेंऑलीफूलोंकाउपयोगरंगबनानेमेंहोताहै।बौद्धभिक्षुआमतौरपरइसकाउपयोगकपड़ारंगनेमेंवर्षोंसेकरतेरहेहैं।ईखकीचटाईकोरंगनेमेंभीइनफूलोंकेरंगोंकाप्रयोगकियाजाताहै।
पत्तोंमेंऔषधीयगुण
आयुर्वेदचिकित्सकनिखिलदेवांगनबतातेहैंकिऑलीकीपत्तियोंकारसएंटीडायरियलहोताहै।इसलिएबस्तरकेग्रामीणदस्तकीसमस्याहोनेपरइसकीपत्तियोंकारसपीतेहैं।हाजमाकीसमस्यासेपरेशानलोगभीइसफूलकीपत्तियोंकेरसकाउपयोगकरतेहैं।ऑलीकीशाखाओंकादातूनभीग्रामीणकरतेहैं।