टिहरी,अनुरागउनियाल।सुबहकेसाढ़ेआठबजचुकेहैं।ग्रामीणकोटीकॉलोनीमेंटिहरीझीलकेबोटप्वाइंटसेऊपरचढ़रहेहैं।रास्ताइसकदरखतरनाकहैकिहल्की-सीभीचूकसीधेटिहरीझीलकीअथाहगहराईमेंपहुंचादेगी।रौलाकोट,कंगसालीआदिगांवोंसेआरहेग्रामीणनावकेकिनारेलगतेहीतेजीसेउतररहेहैं।मैंभीइनग्रामीणोंकेसाथप्रतापनगरक्षेत्रसेनावमेंसवारहोकरलौटाहूं।इससफरमेंऔरफिरबोटप्वाइंटपरजबमैंनेचुनावकोलेकरग्रामीणोंकेमनकीथाहलेनेकीकोशिशकीतोचेहरोंपरझलकरहादर्दसीधेउनकीजुबानपरआगया।कहनेलगे,चुनावीवादेहमेशाझूठेहोतेहैं।अगरउनमेंजराभीसच्चाईहोतीतोक्यावहइसतरहकष्टसाध्यजीवनजीरहेहोते।

इसीबीचमेरीबातोंकोगौरसेसुनरहीकंगसालीनिवासीमीनादेवीबोलीं,'देशमेंविकासकाहल्लामचाहैऔरहमारेगांवमेंआजभीअंधकारपसराहै।मेरीतबीयतखराबथी,लेकिनप्रतापनगरमेंडॉक्टरनहींहै।इसलिएसुबहसातबजेझीलकेकिनारेपहुंचगई,क्योंकिमर्जकीदवातोनईटिहरीमेंमिलनीहै।'एकलंबीसांसलेनेकेबादफिरमीनादेवीनेबोलनाशुरूकिया,'नावकेसफरकेबारेमेंतोहमलोगोंनेकभीसपनेमेंनहींसोचाथा।लेकिन,आजहमारीजिंदगीनावकेइर्द-गिर्दघूमरहीहै।'ग्रामीणमानसिंहकहतेहैं,'देशमेंऐसे-ऐसेमुद्देउठाएजारहेहैं,जिनसेआमआदमीकाकोईलेना-देनानहीं।पहाड़कीपरेशानियोंपरकौनबातकररहाहै।सबअपनी-अपनीढपलीबजारहेहैं।'

मानसिंहकीबातकोआगेबढ़ातेहुएग्रामीणगोपालसिंनेकहा,'सारेनेताचुनावमेंझूठेवादेकरतेहैं।क्याउन्हेंपतानहींकिपूराप्रतापनगरक्षेत्रकालापानीकीसजाभुगतरहाहै।शामकोवापसलौटतेवक्तजबझीलमेंलहरेंउठनेलगतीहैंतोग्रामीणोंकोरातकोटीमेंहीगुजारनीपड़तीहै।'फिरकहतेहैं,'सुनाहैदेशमेंपिछलेपांचसालमेंकाफीबदलावआयाहै,लेकिनहमारेजीवनमेंकबबदलावआएगा,इसकाउत्तरकिसीकेपासनहीं।'

संपत्तिदेवीभीहालातसेत्रस्तऐसीहीमहिलाहैं।वकहतीहैं,'टिहरीझीलनेहमारेखेत-जमीनसबनिगललिए।हमलोगविस्थापनकीमांगकररहेहैं,लेकिनआजतकहमारेगांवकाविस्थापननहींहुआ।अफसोसतोइसबातकाहैकिइसचुनावमेंविस्थापनकीबातभीकोईनहींकररहा।हमारेरास्ते-पुलसभीझीलमेंसमागए,लेकिनहमारेआने-जानेकीकोईव्यवस्थानहीं।हमारेलिएतोयहझीलहीपाकिस्तानऔरचीनहोगईहै।'

बातचीतकेइसइससिलसिलेकोआगेबढ़ातेहुएग्रामीणकुंवरसिंहनेकहा,'झीलबननेसेपहलेटिहरीआनेमेंआधाघंटालगताथा।लेकिन,आजहमबसयाटैक्सीसेभीनईटिहरीजातेहैंतोचारघंटेसेज्यादालगजातेहैं।आपहीबताइए!दुनिया-जहानकेमुद्दोंपरमाथापच्चीकरनेकीकिसेफुर्सतहै।'

मैंग्रामीणजयदीपसिंहसेमुखातिबहुआतोवहभीअपनारोनारोनेलगे।बोले,'प्रतापनगरक्षेत्रमेंअगररातकेवक्तकोईबीमारहोजाएतोउसेसड़ककेरास्तेनईटिहरीलानापड़ताहै।बीमारीअगरगंभीरहुईतोमरीजकेबचनेकीउम्मीदहीछोड़दीजिए।'मैंनेग्रामीणोंकोराष्ट्रीयमुद्दोंपरटटोलनेकीकाफीकोशिशकी,लेकिनकिसीनेभीअपनीपीड़ाबयांकरनेकेसिवाऔरकोईबातकरनाजरूरीनहींसमझा।ग्रामीणोंकेसाथएकघंटागुजारनेकेबादमैंभीकोटीकॉलोनीकेकिनारेनावसेउतरगया।सोचरहाथा,जबअपनीपीड़ाहीअसहनीयहोतोकिसेचुनावीमुद्दोंमेंउलझनेकीफुर्सतहोगी।

दूधऔरसब्जीभीलातेहैंबेचने

प्रतापनगरकेरौलाकोट,कंगसाली,गमरी,चांठीआदिगांवोंकेग्रामीणनावमेंहीदूधऔरसब्जियांबेचनेकेलिएनईटिहरीलातेहैं।झीलबननेसेपहलेटिहरीबाजारमेंभीइसीक्षेत्रकेलोगदूधऔरसब्जियोंकीसप्लाईकरतेथे।लेकिन,झीलबननेकेबादउनकेइसरोजगारपरभीसंकटखड़ाहोगया।फिरभीकुछलोगअपनीगुजर-बसरकेलिएदूध,सब्जीआदिनावमेंलेकरनईटिहरीआतेहैं।

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By Elliott