जागरणसंवाददाता,बलिया:तीज-त्यौहारकाइंतजारहरकिसीकोरहताहै।इससमयदीपावलीकोलेकरघरसेबाजारतकउत्साहदेखाजासकताहै।ऐसेमेंएकतबकाऐसाभीहैजिसेप्रकाशपर्वसेबड़ीउम्मीदेंरहतीहैं।जीहां,बातहोरहीहैकुम्हारसमाजकी।इनकेरोजी-रोजगारकासीधानाताइसपर्वसेजुड़ाहै।दिवालीकानामलेतेहीमिट्टीकेदीयेसबसेपहलेयादआतेहैं।इसदिनदीपकजलानाशुभमानाजाताहै।कुम्हारबस्तियोंमेंदसदिनोंसेचाककीरफ्तारतेजहोगईहै।दीयेकेसाथमिट्टीकेबर्तन,खिलौनेभीगढ़ेजारहेहैं।परंपरागततरीकेकेअलावाअबदीयेबनानेमेंआधुनिकताभीशामिलहोगईहै।कुम्हारडिजाइनदारमिट्टीकीवस्तुओंकोबनानेलगेहैं।इसकाममेंपरिवारकेसभीसदस्यतल्लीनतासेजुटेहैं।मिट्टीकेदीयेउनकेदिलोंमेंसमाएहैं।उनकीआंखोंमेंउम्मीदकीचमकदेखीजासकतीहै।हनुमानगंजस्थितकुम्हारबस्तीमेंहलचलतेजहोगईहै।कईकुम्हारइलेक्ट्रानिकचाककाइस्तेमालभीकरनेलगेहैं।

---------कुम्हारोंकीकहानीउनकीजुबानी--------दीपावलीकोलेकरमनमेंअलगउत्साहरहताहै।यहपर्वजीवनमेंचमकबिखेरताहै।परिवारकेसभीसदस्यमिलकरमेहनतकरतेहैं।उम्मीदहैकिइसबारकारोबारबढ़ेगा।--अनिज्रूद्धप्रजापति

-मिट्टीकेसामानकोलेकरलोगोंकारुझानऔरबढ़ेगातोजीवनमेंउजालाआएगा।कारोबारमेंचुनौतियांभीबढ़ीहैं।मिट्टी,भूसीआदिजुटानेमेंथोड़ीपरेशानीहोतीहै।--अमरनाथ्रप्रजापति-आधुनिकयुगमेंकाफीबदलावआचुकाहै।बाजारमेंकईतरहकीलाइटें,झालरउपलब्धहैं।फिरभीमिट्टीकेदीपोंकामहत्वहै।इसकेइस्तेमालकोबढ़ावामिलनाचाहिए।--रामप्रवेशप्रजापति