खगडि़या।जिलेकेसुदूरसाधन-सुविधासेवंचितअकहागांवमेंदिव्यांगदिलीपदिन-रातशिक्षाकीलौजलारहेहैं।वेकरीब80फीसददिव्यांगहैं।परंतु,उन्होंनेअपनीदिव्यांगताकोअपनाबोझनहींबननेदियाहै।वेशिक्षासेदूरनिरक्षरमहादलितबच्चोंकोतालिमदेरहेहैं।उनकेपढ़ाएछात्रआजइंजीनियरऔरशिक्षकहैं।सबसेबड़ीबातहैकिवेनिश्शुल्कशिक्षादेतेहैं।उनकेघरपढऩेआनेवालेछात्रनिराशनहींलौटतेहैं।दिलीपकुमार80प्रतिशतसेअधिकनिश्शक्तरहनेकेबावजूदइसेबोझनहींबननेदियाऔरसमाजकेबच्चोंकोसशक्तकरनेमेंअपनी¨जदगीलगादीहै।खुदकीपरवाहकिएबगैर23वर्षोंसेबच्चोंकोशिक्षाकादानदेकरसुशिक्षितसमाजकीमुहिममेंजुटेहुएहैं।फिलहाल

दिलीप30महादलितबच्चोंको(पहलीसेआठवींकक्षातक)अपनेघरपरशिक्षादेरहेहैं।अगरइनबच्चोंकेअभिभावककीइच्छाहुई,तोमददकी,नहींतोदिलीपकोकोईगमनहींहै।आजदिलीपकेपढ़ाए

ऋतुराजएवंअनंतकुमारइंजीनियरहैं।जबकिप्रीतमकुमारशिक्षकहैं।इसीतरहमिथिलेशकुमारकिसानसलाहकार।जबकिप्रदीपसदा,विजयसदा,पंकजरजकटोलासेवकहैं।ग्रामीणदिलीपकोशिक्षाकामसीहाकहतेहैं।

दिलीपकहतेहैं,उनकी¨जदगीदुखोंसेभरीरहीहै।परंतु,इसकाउन्हेंगमनहींहै।वेकहतेहैं-वर्ष1992मेंमैट्रिकपरीक्षादी।रिजल्टनिकलनेसेपूर्वहीलकवामारदिया।धीरे-धीरेकमरसेनीचेकाभागकामकरनाबंदकरदिया।रिजल्टनिकलाऔरवहप्रथमश्रेणीसेउत्तीर्णहुए।वर्ष1994मेंउनकेपिताराजेंद्र¨सहकीबीमारीसेमौतहोगई।वर्ष1998मेंउनकीशादीहुई।लेकिनबादमेंपत्नीभीसाथछोड़करचलीगई।उनकीबूढ़ीमांमनीदेवीसेवाकरतेहैं।खैर,दिलीपनेठाना,अपनेसमाजकोशिक्षितबनानाहै।और23वर्षोंसेइसमुहिममेंजुटेहुएहैं।वेगुनगुनातेरहतेहैं-'पढ़ना-लिखनासीखोमेहनतकरनेवालों।'======

By Dyer