खगड़िया।जिलेकीबड़ीआबादीकेजीविकोपार्जनकासाधनपशुपालनहै।लोगोंकीमानेतोसातनदियोंसेघिरेइसजिलेमेंआठवींनदीदूधकीबहतीहै।परंतु,यहांपशुओंकेइलाजकीसमुचितव्यवस्थानहींहै।प्रत्येकवर्षइलाजकेअभावमेंकईपालतूपशुदमतोड़देतेहैं।

पशुस्वास्थ्यकीउपेक्षाकाअंदाजाइससेहीलगायाजासकताहैकिजिलापशुपालनविभागमेंपशुचिकित्सकोंकेस्वीकृतपद35है।परंतु,मात्रदसचिकित्सककार्यरतहैं।वहीं,कईप्रथमवर्गीयपशुचिकित्सालयमेंएकभीचिकित्सकनहींहैं।प्रभारकेसहारेहीमवेशियोंकाउपचारहोताहै।

एकदर्जनसेअधिकपशुचिकित्सालयोंमेंनहींहैंचिकित्सक

राजकीयपशुचिकित्सालयखगड़ियामेंतीनचिकित्सककार्यरतहैं।वहीं,प्रथमवर्गीयपशुचिकित्सालयनन्हकूमंडलटोलामेंएकचिकित्सकहै।जबकिप्रथमवर्गीयपशुचिकित्सालयबहादुरपुर,अलौली,महेशखूंट,परबत्तामेंभीएक-एकपशुचिकित्सकहीकार्यरतहैं।वहीं,प्रथमवर्गीयपशुचिकित्सालयरामनगरमठ,बेलासिमरी,शुंभा,मानसी,हरदिया,चौथम,पनसलवा,पीरनगरा,बेलदौर,पकरैल,गोगरी,शेरगढ़,मड़ैया,डुमरियाबुजुर्ग,सलारपुर,भरतखंडएवंबंदेहरामेंएकभीचिकित्सकनहींहैं।ऐसेजगहोंपरभगवानभरोसेमवेशियोंकाउपचारकियाजाताहै।

मवेशियोंकाआंकड़ा

विभागीयअधिकारियोंकीमानेतो19वींअखिलभारतीयपशुधनगणना2012केअनुसारजिलेमेंगायकीसंख्यादोलाख,67हजार418है।इसीतरहबकरियोंकीसंख्यादोलाख,42हजार33,भैंस97हजार,306,सुअर3378एवंघोड़ा3806है।

विभागकीजमीनहैअतिक्रमित

जिलापशुपालनविभागकीजमीनअतिक्रमणकीजदमेंहै।विभागकीजमीनजिलामुख्यालयस्थितअस्पतालकार्यालयसेलेकरप्रखंडएवंअन्यकईजगहोंपरअतिक्रमितहै।मुख्यालयमेंअतिक्रमणकीस्थितियहहैकिधीरे-धीरेविभागकीजमीनपरलोगोंकाकब्जाहोगयाहै।वहीं,चारदीवारीनहींरहनेकेकारणअतिक्रमणदिन-प्रतिदिनबढ़हीरहाहै।

वाहननहींरहनेसेहोतीहैपरेशानी

जिलापशुपालनपदाधिकारीकावाहनलंबेसमयसेजिलाप्रशासनकेअधीनहै।ऐसेमेंपशुओंकोपड़नेवालावैक्सीनलाने,शिविरएवंअन्यअस्पतालोंकेनिरीक्षणमेंजानेकेलिएवाहननहींहै।

क्याकहतेहैंअधिकारी

जिलापशुपालनपदाधिकारीडॉ.रंजीतकुमारसिन्हानेबतायाकिचिकित्सकोंकीकमीहै।इसकोलेकरवरीयअधिकारियोंकाध्यानआकृष्टकरायागयाहै।जोसाधन-संसाधनहै,उसकेसहारेमवेशियोंकाइलाजकियाजाताहै।