संवादसूत्र,चतरा:शहरसेहोकरगुजरनेवालीएनएच-99सड़कगड्ढोंमेंतब्दीलहोगईहै।सड़कपरबड़े-बड़ेगड्ढेहोगएहैं।कालीमंदिरसेलेकरडीएवीपब्लिकस्कूलतकआधादर्जनगड्ढेहोंगे।सबसेखराबस्थितिपोस्टऑफिसऔरवनविभागकेपासकीसड़ककीहै।यहांगड्ढेडोभाकारूपलेलियाहै।गड्ढेमेंबारिशकापानीजमाहोगयाहै।जिसकेकारणसड़कपरकीचड़जमगयाहै।कीचड़मयसड़कमेंपरआने-जानेराहगिरोंकोपरेशानीउठानीपड़रहीहै।सबसेज्यादापरेशानीस्कूलीबच्चोंकोहोरहीहै।डीएवीपब्लिकस्कूलऔरनाजरेथविद्यानिकेतनइसीसड़कपरस्थितहैं।इतनाहीनहींइसीरास्तेसेअधिकारीसेलेकरकर्मीतकजानेहैं।परइसेमरम्मतकेलिएकोईउपायनहींकररहेहैं।
शहरवासियोंनेकईबारसड़कमरम्मतकरानेकीमांगकीहै।परसमस्याजसकीहैपरसमस्याजसकीतसबनीहुईहै।आसपासकेलोगोंकोइससेकाफीपरेशानीहोरहीहै।राहगीरभीपरेशानहै।क्याकहतेहैंआसपासकेलोग,प्रस्तुतहैउनकीप्रतिक्रियाकामुख्यअंश।
एनएच-99सड़कगड्ढोंमेंतब्दीलहोगईहै।सबसेज्यादापरेशानीस्कूलीबच्चोंकोहोरहीहै।चेकनाकाकेपासदोफीटगढ्ढाबनआयाहै।इनगड्ढोमेंपानीभरनेकेआएदिनलोगदुर्घटनाकेशिकारहोरहेहैं।
सुरेंद्रविश्वकर्मा,व्यवसायी(चेकनाका)
पोस्टऑफिसकेपाससड़कपरबहुतबड़ागड्ढाबनगयाहै।इसकेकारणदुकानचलानेमेंपरेशानीउठानीपड़रहीहै।कभीकभीपानीकेकारणतोदुकानबंदकरदेनापड़जाताहै।
मुकेशरस्तोगी,व्यवसायी
होटलव्यवसायनेकहाकिउनकापोस्टऑफिसकेपासहोटलहै।सड़कपरबारिशकापानीजमनेसेउनकादुकानमेंपानीभरजाताहै।इसकेकारणउन्हेंपरेशानीउठानीपड़रहीहै।आयदिनलोगइसगड्ढेमेंगिरकरदुर्घटनाकेशिकारहोजारहेहैं।
पंकजयादव,होटलसंचालक
दुकानसेउनकापरिवारचलताहै।लेकिनपोस्टऑफिसकेपाससड़कपरगढ्ढाबनजानेकेउनकादुकानमेंपानीआजाताहै।जलजमावकेकारणदुकानबंदकरदेनापड़ताहै।दुकानबंदरहनेसेपरिवारचलानेमेंसमस्याकासामनाकरनापड़रहाहै।
मो.हसन,किरानादुकानसंचालक