संवादसूत्र,मढ़ौरा:मोथहागांवकेतिवारीटोलानिवासीभोलाओझाकेफूसकेघरमेंरविवारकीसुबहशॉटसर्किटसेलगीआगमेंडेढ़लाखनकदसहितलाखोंकेसामानराखहोगए।पैसेघरकीढलाईकेलिएरखेथे।घटनाकेबादबुजुर्गदंपतिभोलाओझाएवंदेवंतीदेवीकेआंसूथमनहींरहेथे।इसआगनेउनकेसपनोंकोजलाकरराखकरदिया।
पीड़ितादेवंतीदेवीनेबतायाकिघरकेकोनेपरस्थितबिजलीकेपोलपरलगेबक्सेसेचिंगारीगिरनेलगी।इसीक्रममेंआगलगगई।बिजलीसप्लाईकेकारणतत्कालपानीनहीडालपाया।इसबीचआगनेरौद्ररूपअख्तियारकरलिया।बिजलीकटवानेकेबादहीपानीडालागया।तबतकघरमेंरखेडेढ़लाखनकदसमेतअनाज,बिस्तर,कपड़े,सहितसबकुछराखमेंतब्दीलहोचुकेथे।देवंतीनेबतायाकिघरकीढलाईकेलिएकाफीजतनसेपैसेइकट्ठाकियाथा।लेकिनबिजलीकीएक¨चगारीनेसबकुछस्वाहाकरदिया।मौकेपरपहुंचेमुखियाप्रतिनिधिबबलूसिंहनेपीड़िताकोतत्कालदोहजाररुपयेकीसहायतादी।सीओओमप्रकाशनेबतायाकिकर्मचारीकीजांचरिपोर्टआनेकेबादतत्कालउचितमुआवजादियाजाएगा।