लखनऊ[अजयश्रीवास्तव]।कुछलोगशौकियाएकगायपालतेहैं,लेकिनधीरे-धीरेगायोंकीसंख्याबढऩेपरवेदूधबेचनेलगतेहैं।गायपालनेवालेउसेसड़कपरहीबांधदेतेहैंयाफिरपेटभरनेकेलिएसड़कोंपरछोड़देतेहैं।लेकिन,अबगायपालनेवालोंकोनगरनिगमकेसख्तनियमोंसेगुजरनाहोगा।अभीतकबीसरुपयेशुल्कदेनेपरगायपालनेकालाइसेंसबनजाताथा,लेकिनअबलाइसेंसशुल्ककीराशिदोहजारसेपांचहजाररुपयेकरनेकीतैयारीहै।पांचदिसंबरकोहोनेवालीनगरनिगमकार्यकारिणीसमितिकीबैठकमेंइसप्रस्तावकोलायाजाएगा।
लाइसेंसशुल्कबढ़ानेकेसाथहीगायोंकीनिगरानीतंत्रकोभीमजबूतकियाजाएगा।लाइसेंसजारीहोनेकेसमयहीएकमाइक्रोचिपरीडरभीगायकेशरीरमेंडालाजाएगा।यहचिपएकइंजेक्शनसेगायमेंफिटकरदियाजाएगा।अगरपहलीबारगायबाहरघूमतीपकड़ीगईतोजुर्मानादेकरपशुपालकछुड़वालेंगे।दोबारापकड़ेजानेपरचिपसेयहपताचलजाएगाकियहगायकिसदिनऔरकहांसेपकड़ीगईहै।दोबारागायकेपकड़ेजानेकीजानकारीमिलतेहीनगरनिगमगायकोजब्तकरलेगाऔरउसकालाइसेंसभीनिरस्तकरदेगा।
मात्र97लोगोंनेबनवाएहैंलाइसेंस
शहरमेंगायपालनेकालाइसेंसबनवानेवालोंकीसंख्याभीसीमितहै।शहरकेहरमोहल्लेमेंगायपालनेवालेमिलजाएंगे,लेकिननगरनिगमसेलाइसेंसकुछहीलोगबनवातेहैं।नगरनिगमकेअभिलेखोंमेंमात्र97लोगोंकाहीजिक्रहैं,जोलाइसेंसलेकरगायपालरहेहैं।
क्याकहतेहैंअफसर?
नगरनिगमपशुकल्याणउपनिदेशकडॉ.अरविंदरावकेमुताबिक,'शहरकीसड़कोंपरगायोंकीबढ़तीसंख्यापरअंकुशलगानेकीतैयारीहै।लोगकईगायतोपाललेतेहैं,लेकिनउसेखानेकेलिएसड़कपरछोड़देतेहैं।अबबिनालाइसेंसकोईगायनहींपालपाएगा।लाइसेंसशुल्कदोहजारसेपांचहजारकरनेकाप्रस्तावनगरनिगमकार्यकारिणीसमितिकेसमक्षरखाजाएगा।गायकोएकमाइक्रोचिपलगाईजाएगी,जिससेदोबाराउसकेपकड़ेजानेपरलाइसेंसनिरस्तकरगायकोजब्तकियाजासकेगा।