राहुलशर्मा,ऊधमपुर:

ग्रामीणअंचलकीमहिलाएंवर्तमानसमयमेंकिसीसेपीछेनहींहैं।वेखुदअपनाव्यवसायकरकेअपनाजीवनचलारहीहैं।एकजुटताकीभावनासेकामकररहीयेमहिलाएंआर्थिकरूपसेकिसीपरनिर्भरनहींहैं।ऊधमपुरसे15किलोमीटरदूरमानवागांवकीरहनेवालीशमशेदबेगम,रजियाबानोसहितअन्यमहिलाओंकाकहनाहैकिआजवेजोआत्मसम्मानकेसाथअपनेपैरोंपरखड़ीहैं,उसकासाराश्रेयमंजूशर्माकोजाताहै।उन्होंनेहीहममेंएकजुटताकीभावनासेकामकरनेकीअलखजगाई।उसकापरिणामयहहैकिसमूहमेंशामिलहरेकमहिलाअपनाकारोबारचलारहीहै।कईमहिलाएंऐसीभीहैंजिन्होंनेस्वयंकारोबारनकरपतियोंकोबेहतरस्वरोजगारउपलब्धकरानेमेंमददकी।

मंजूमानपागांवकीरहनेवालीहैं।उन्होंनेबतायाकिजबवहशादीकरइसगांवमेंआईतोयहांकिमहिलाएंदिनभरचूल्हा-चौकायाफिरपशुचाराएकत्रकरनेकाकामकरतीथीं।साथबैठनेपरपारिवारिकपरेशानियांहीचर्चाकाविषयहोता।उससमयऐसालगाकिकुछकरनाचाहिएजिससेघरसंभालनेवालीयेमहिलाएंघरबैठकरहीपरिवारकीबेहतरीऔरआर्थिकलाभकेलिएकामकरसकें।स्वयंसेवीसंस्थाग्रामीणप्रगतिसंगठनकेसंस्थापकओमप्रकाशकेसाथजुड़नेकेबादउन्हेंइसदिशामेंकामकरनेकीप्रेरणामिली।

आजएकजुटताकीभावनाकेसाथकामकररहीयेमहिलाएंआर्थिकरूपसेकिसीपरनिर्भरनहींहैं।पिछलेसालकीअपेक्षानकेवलमहिलाओंकेसेल्फहेल्पग्रुपोंमेंबढ़ोतरीहुईहैबल्किमानपा,रक्खबडाली,मलाड़,फंगेयाल,बाबालोंडनाग्रामीणक्षेत्रोंमेंरहनेवालीमहिलाएंआर्थिकरूपसेआत्मनिर्भरहोरहीहैं।

मानपागांवकीशमशेदबेगमनेबतायाकिउनकेपतिपहलेकिसीकीमेटाडोरचलायाकरतेथे,परंतुसेल्फग्रुपमेंशामिलहोनेकेबादबैंकसेलोनलेकरउन्होंनेअपनेपतिकोसेकेंडहैंडमेटाडोरडालदी।आजउनकापरिवारखुशहैऔरबेहतरगुजरबसरकररहाहै।रजियाबानोनेभीअपनेपतिकीसहायताकेलिएलोनलेकरघोड़ेखरीदे।

42सेल्फहेल्पग्रुपबनाचुकीहैंमंजू

मंजूनेबतायाकिआजवह42केकरीबसेल्फहेल्पग्रुपबनाचुकीहैं,जिसमेंमहिलाओंकीकुलसंख्यापांचसौसेअधिकहोचुकीहै।एकग्रुपमेंदससेपंद्रहमहिलाएंशामिलहैंऔरहरसालइसमेंबढ़ोतरीदर्जकीजारहीहै।येमहिलाएंसमूहबनाकरकईतरहकेछोटे-मोटेव्यवसायकरतीहैं।हालांकिअधिकतरनेडेयरीखोलरखीहै।दूध,दही,पनीरआदिबेचकरबैंककाकर्जवअपनीआजीविकाचलातीहैं।नाबार्डकीइसमेंकाफीमददरही।सेल्फहेल्पग्रुपकोरजिस्टर्डकियागयाऔरउन्हींकेआधारपरलोनउपलब्धकराएगए।शुरुआतमेंबैंकनेमहिलाओंको25से50हजारकालोनदिया।समयपरलोनसमाप्तकरनेपरइसमेंऔरबढ़ोतरीहुई।आजस्थितियहहैकिग्रुपमेंशामिलहरेकमहिलाचारसेछहलाखतकलोनकालाभदेरहीहै।ग्रुपमेंशामिलमहिलाओंकाकहनाहैकिआजवेजोसम्मानवबेहतरजीवनस्वयंयाअपनेबच्चोंकोदेपारहीहैं,उसकासाराश्रेयमंजूशर्माकोजाताहै।वेउन्हेंप्यारसेदीदीकहकरबुलातीहैं।वहीं,मंजूनेकहाकिउनकायहमकसदअभीपूरानहींहै।उन्हेंअभीकाफीकुछकरनाहै।हरसालउनकायहीप्रयासरहताहैकिवेनएगांवमेंजाकरवहांरहनेवालीमहिलाओंमेंजाकरएकजुटताकीभावनाजगाएं।

क्याहैस्वयंसहायतासमूह

ग्रामीणमहिलाओंकेस्वरोजगारकेलिएसरकारकीओरसेनेशनलरूरललाइवलीहुडमिशन(एनआरएलएम)कीशुरुआतकीगईथी।इसेउम्मीदसेभीजानाजाताहै।इसयोजनाकामकसदबेरोजगारमहिलाओंकोकोईऐसारोजगारउपलब्धकरवानाथा,जिसमेंवेकोईछोटा-मोटाकामकरकेअपनीआजीविकाचलासकें।इसयोजनामेंसामूहिकताकीभावनामुख्यहै।कुछमहिलाएंइकट्ठीहोकरअगरकोईव्यवसायकरनाचाहतीहैंतोइसकेलिएउन्हेंप्रशासनकीओरसेआर्थिकसहायतादीजातीहै।

-ग्रामीणअंचलकीमहिलाओंकोआगेलानेकेलिएइसतरहकीयोजनाएंचलाईंजारहीहैं।महिलाएंलगातारइसतरहकीयोजनाओंसेजुड़रहीहैंतथाइनमेंआगेऔरज्यादाबढ़ोतरीहोगी।नाबार्डइसतरहकेसंगठनोंकीपूरीमददकररहाहै।

-मनोहरलाल,डीडीएमनाबार्ड,ऊधमपुर

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