संवादसूत्र,संडवाचंद्रिका:गर्मीशुरूहोतेहीतालाबवपोखरेसूखनेलगतेहैं।इससेपशु-पक्षियोंकेलिएपेयजलकासंकटउत्पन्नहैजाताहै।तबभाटनकेपुरवाकाराजातालाबग्रामीणोंकेलिएजीवनदायनीबनकरसहारादेताहै।पशु-पक्षियोंकोपानीपीनेकेसाथविकटगर्मीमेंपशुपक्षीतालाबमेंजलक्रीड़ाकरतेहैं।आधुनिकताकेइसदौरमेंतेजीकेसाथजलदोहनकियाजारहाहै।घर-घरसबमर्सिबलपंपलगरहेहैं।बरसातकेसाथघरकागंदापानीनिरर्थकहोताहै।जलसंचयननहोनेसेपानीकास्रोतनीचेभागजाताहै।इनसबकेबादभीकुछलोगजलसंचयनकेलिएकार्यकररहेहैं।जोसमाजकेलिएलाभकारीसिद्धहोरहाहै।
उमरीकेराजापूर्वमेंखेतोंकीसिचाईकेसाथपशुपक्षियोंकोपानीपीनेकेलिएतालाबकीखोदाईकरवाएथे।उनकेद्वाराक्षेत्रमेंदर्जनोंतालाबखोदवाएगएथे,लेकिनअधिकांशतालाबदेखरेखकेअभावमेंअपनाअस्तित्वखोचुकेहैं,लेकिनकुछतालाबोंकोमनरेगायोजनामेंजीर्णोधारकरायागयाहै।वहआजभीलोगोंकोलाभदायकसिद्धहोरहेहैं।भाटनकापुरवाकातालाबकरीबढाईबीघेकेरकबेमेंफैलाहै।इसतालाबकोमनरेगायोजनासेसजायावसंवाराहै।तालाबकाअस्तित्वनमिटनेपाए,इसकेलिएगांवकेलोगजनसहयोगसेतालाबकीसफाईकरनेकेसाथतालाबमेंपानीलबालबरहे।इसकेलिएपंपिगसेटसेतालाबकोभराजाताहै।तालाबकेआसपासकुंआवहैंडपंपकापानीजहांशीतलरहताहै।वहींजलस्तरभीदुरुस्तरहताहै।तालाबमेंपशुपक्षियोंकेसाथजंगलीजानवरोंकीप्यासभीबुझतीहै।
गांवकेतालाबकीपहचानराजाकेतालाबकेरूपमेंहोतीहै।इसतालाबमेंसालभरपानीरहताहै।पशुपक्षीतालाबमेंपानीपीकरअपनीप्यासबुझातेहैं।
तालाबहमारेजीवनकाआधारहै।आजजिसतरहसेजलदोहनकियाजारहाहै।उसमेंगांवकेकिनारेकेतालाबजलसंचयनमेंअपनीभागीदारीनिभारहेहैं।
-आयुषमिश्राराजाकातालाबपशुपक्षियोंकोपानीपीनेकेलिएमहत्वपूर्णभूमिकानिभाहैं।इसतालाबमेंबरसातकेदिनोंमेंकाफीदूरसेपानीबहकरआताहै।
जलसंचयनमेंतालाबोंकामहत्वपूर्णयोगदानहै।बरसातकेदिनोंमेंगांवकापानीबहकरतालाबमेंइकठ्ठाहोताहै,जिससेजलसंचयनहोनेसेगांवकाजलस्तरबनारहताहै।
-स्वामीनाथमिश्र