जागरणसंवाददाता,अहरौला(आजमगढ़):कभीचूल्हा-चौकातकसीमितरहनेवालीमहिलाएंअबहरक्षेत्रमेंअपनीहाजिरीदर्जकरारहीहैं।यहांतककिगृहस्थीचलानेकेलिएजबपतिकेअसमर्थहोजानेकेकारणगरीबीकारोड़ाआयातोउसेभीफावड़ेकीधारआगरुकनेनहींदिया।जबघरचलानेकेलिएअगरकोईऔरकामनहींमिलातोफावड़ाचलानेमेंभीपीछेनहींहैं।गांवोंमेंहोरहेमनरेगाकेकार्यमेंलगेमजदूरोंमेंतमाममहिलाएंऐसीमिलींजिनकेसामनेपरिवारकीगाड़ीचलानेकेलिएकोईविकल्पनहींदिखातोफावड़ाउठालिया।
कस्बेसेहोकरगुजरनेवालीतमसानदीकिनारेराम-जानकीमंदिरसेशमशानघाटतकआठसौमीटरबांधकानिर्माणहोरहाहै।इसमेंलगे60मनरेगामजदूरोंमेंशामिल10महिलाएंभीपसीनाबहारहींहैं।उन्होंनेबातचीतमेंबतायाकिउनकेपासपरिवारचलानेकेलिएकोईविकल्पनहींथाइसलिएमनरेगामेंकाममांगलिया।अहरौलाकीऊषादेवीकेलिएपतिकीमौतकेबादचारबच्चोंकीपरवरिशकरनाकाफीमुश्किलथा।मनरेगाकेअंतर्गतकामकरकेबच्चोंकेसाथजीवनकीगाड़ीचलारहीहैं।प्रमिलादेवीदोसालपहलेपतिकेदेहांतकेबादचारबच्चोंकेसाथपरिवारकीगाड़ीइसयोजनाकेभरोसेखींचरहीहैं।फूलदेईकेपतिकुल्हड़बनाकरजीवनकीगाड़ीचलारहेथे।सड़कदुर्घटनामेंपैरटूटजानेकेबादफूलदेईपरहीपूरीजिम्मेदारीआपड़ी।इसीतरहकईऔरमहिलाएंफावड़ाचलाकरपरिवारकीजिम्मेदारियोंकानिर्वहनकररहीहैं।अहरौलाब्लाकपरनजरडालेंतो5500पुरुषोंकेसापेक्ष5748महिलाएंमनरेगासेजुड़करकामकररहींहैं।