कथारा(बेरमो):पेटरवारप्रखंडकीचांदोपंचायतमेंचलरहेरामचरितमानसपाठमहायज्ञकेआठवेंदिनवृंदावनसेपधारींसुविख्यातसरसप्रवक्तालाडलीशरणजीनेप्रवचनकरतेहुएश्रद्धालुओंकोबतायाकिगुरुकामनुष्यकेजीवनमेंविशेषमहत्वहोताहै।माता-पिताहमारेगुरुहोतेहैं।गुरुकादर्जामाता-पितासेभीऊंचाहोताहै।हमअंधेरेकमरेमेंबंदहोजाएं,अंधकारमेंहीकिसीवस्तुकोढूंढनेलगेंतोबिनागुरुकेहमउसेढूंढनहींसकते।गुरुजैसेहीहमेंबतातेहैवहवस्तुतुरंतप्राप्तहोजातीहै।गुरुकेबगैरहमारीजिदगीदुखोंसेभरजाएगी।जीवनमेंविभिन्नचीजोंकोसीखनेसेहमवंचितहोजाएंगे।गुरुहीहमेंसहीदिशादिखातेहैं।वहहमारेजीवनमेंपथप्रदर्शककेरूपमेंकार्यकरतेहैं।देशमेंप्राचीनकालसेहीगुरुकाविशेषमहत्वहै।मनुष्यकेलिएगुरुसबसेऊपरहोताहै।गुरुमेंगुकाअर्थहैअंधकारऔररुकाअर्थहैरोशनी।गुरुहमेंअंधकारमयजीवनसेप्रकाशकीओरलेजातेहैं।गुरुएकदियेकीतरहहोतेहै,जोशिष्योंकेजीवनकोरोशनीसेभरदेताहै।गुरुकीभूमिकासबकेजीवनमेंहोतीहै।हरव्यक्तिगुरुकेप्रतिआस्था,विश्वासऔरसम्मानरखताहैएवंछोटेबड़ेफैसलेलेनेसेपूर्वअपनेगुरुकीरायजाननाचाहताहै।गुरुकाप्रमुखउद्देश्य,शिष्यकोसफलबनानाऔरउन्हेंभरपूरज्ञानप्राप्तकरवाना।गुरुकोसम्मानदेनेलिएगुरुपूर्णिमामनायाजाताहै।गुरुसिर्फशिक्षककेरूपमेंहीनहींबल्किविभिन्नरूपोंमेंहोसकतेहै,जैसेमाता,पिता,भाई,बहन,दोस्त।गुरुकेप्रतिहमेशाशिष्यकेमनमेंश्रद्धाहोनीचाहिए।यज्ञमंडपकीपरिक्रमाकोरोजश्रद्धालुओंकीभीड़उमड़रहीहै।

By Duffy