संवादसूत्र,सिढ़पुरा(कासगंज):अंधा-धुंधउर्वरकोंसेबांझहोतीधरतीकीकोखकोबचानेवालेआजभीतमामकिसानमिसालबनगएहैं।ऐसेहीकिसानोंमेंशामिलहैंसिढ़पुराकेकिसानजयवीर,जिन्होंनेमचानविधिसेलोकीकीखेतीकीहैऔरदोमीटरतकलंबीलोकीपैदाकीहै।उद्यानऔरकृषिविभागइसकिसानकालोहामानरहाहै।क्योंकियहपैदावारउन्होंनेउर्वरकोंसेनहींबल्किजैविकखादसेकीहै।

सिढ़पुराकेगांवगंगसारानिवासीकिसानजयवीरसिंहखेतीबाड़ीमेंजैविकखादडालकरपोषकतत्वोंकीमात्राबढ़ारहेहैं।तभीतोउनकेखेतोंकीमाटीसोनाउगलरहीहै।दोबीघाभूमिकेमालिकजयवीरनेऐसीमिसालपेशकीहैजोफसलोंकीपैदावारकेलिएइतिहासबनरहीहै।किसाननेअपनेखेतमेंमचानविधिसेलौकीकीफसलपैदाकीहै।लौकीदोमीटरतकलंबीहोगईहै।किसानकेमुताबिकवहखेतोंमेंउर्वरकनहींलगातेहैंबल्किपशुओंकेगोबरसेतैयारकीगईजैविकखादसेहीफसलपैदाकरतेहैं।

सेवानिवृतएडीओएवंवैज्ञानिकअमरसिंहरानानेकहाकिवैज्ञानिकविधिसेजैविकखादकाप्रयोगकरफसलपैदाकीजाएतोपैदावारबढ़तीहै।लौकी,तोरई,करेलामचानविधिसेउगाएजाएतोइनकीलंबाईबढ़जातीहै।

कृषकजयवीरसिंहनेबतायाकिजैविकखादसेहीखेतीबाड़ीकररहेहैं।लौकीकेअलावागेहूं,गाजरकीफसलभीपैदाकररहेहैं।लौकीदोमीटरतकलंबीहोगईहै।जैविकखादखेतोंमेंजानडालतीहै।

By Duncan