जागरणसंवाददाता,सरायकेला:कोरोनाकालमेंएकओरआमलोगअपने-अपनेघरोंमेंस्वयंकोसुरक्षितमहसूसकररहेहैं।वहींदूसरीओर,फुटपाथपरजड़ी-बूटीकीदवाइयांबेचनेवालेकईपरिवारबेरोजगारहोगएहै।दोजूनकीरोटीकीजुगाड़करपानाभीउनकेलिएमुश्किलहोगयाहै।दाने-दानेकोमोहताजएकऐसाहीपरिवारकांड्रास्थितटोलप्लाजाकेसमीपअस्थाईरूपसेडेराजमाएहुएहै।इसपरिवारकेमुखियाधर्मपालसिंहहैं।उनकेऊपर10लोगोंकेभरण-पोषणकीजिम्मेदारीहै।मूलरूपसेधर्मपालसिंहराजस्थानकेनिवासीहैं।वेपूरेपरिवारकेसाथदेशभरमेंघूम-घूमकरजड़ी-बूटीबेचनेकाव्यवसायकरतेहैं।उनकेसाथ-साथउनकेकईरिश्तेदारभीइसव्यवसायसेजुड़ेहुएहैं।सड़ककिनारेतंबूमेंसंचालितदुकानकीहालतदेखीजासकतीहै।धर्मपालसिंहबतातेहैंकिपहलेप्रतिदिन500से1000रुपयेतककीकमाईहोतीथी।परंतुस्वास्थ्यसुरक्षासप्ताहलागूरहनेकेकारणअबकाफीकमसंख्यामेंलोगजड़ी-बूटीलेनेआरहेहैं।इसकारणआमदनीभीकमहोगईहै।प्रतिदिनमुश्किलसे100रुपयेकीकमाईहोरहीहै।कोरोनासंक्रमणमेंआयकाकोईदूसरास्त्रोतभीनहींहै।परिवारकीमालीहालतखराबहोनेलगीतोबच्चेमांगकरकिसीप्रकारगुजाराकरनेलगे।बातचीतकेक्रममेंधर्मपालसिंहकीआंखोंमेआंसूआगए।भारीमनसेउन्होंनेबतायाकिअबवेपूरेपरिवारकेसाथअपनेघरलौटनाचाहतेहैं।अबरोजी-रोटीकाकोईसाधननहींहै।