समस्तीपुर।पानीहमारेजीवनकेलिएहीनहीं,धरतीपररहनेवालेप्रत्येकजीव-जंतुओंकेलिएभीअतिआवश्यकहै।इसकीकमीदिनप्रतिदिनलोगोंकोखतरेकीओरबढ़ारहीहै।इसकीरक्षाकेलिएमानवसमाजकोहीआगेआनापड़ेगा।अन्यथाएकदिनपानीकेबगैरलोगोंकाजीवनसमाप्तहोजाएगा।कुछलोगऐसेभीहैंजिन्हेंजनकल्याणऔरआनेवालेसंकटोंसेबचनेकेलिएअग्रसरहोकरअपनातन-मनसेप्रयासमेंलगजातेहैं।इन्हींसोचकेव्यक्तिहैंरामपुनितचौधरी।उजियारपुरप्रखंडकेचांदचौरमथुरापुरनिवासीरामपुनीतपेशेसेअधिवक्ताहैं।परंतु,इन्हेंआजकेहालातोंसेकरीब40वर्षपूर्वहीआभासहोचुकाथा।तभीतोइन्होंनेअपनेछात्रजीवनसेहीजलसंकटकोदूरकरनेकाप्रयासजारीरखा।वर्ष1974मेंपटनाकेलॉकॉलेजकेहॉस्टलपरिसरमेंतत्कालीनप्रिसिपलकेनेतृत्वमेंपौधरोपणकियाथा।
अधिवक्तारामपुनितचौधरीकामाननाहैकिधरतीपरजितनेअधिकपेड़होंगे,उतनेहीअच्छीबारिशहोगी।वेकहतेहैंकिवृक्षहीजलकाकारणहोताहै।इसमेंबादलोंकोरोकनेकीअधिकक्षमताकेसाथप्रदूषणनियंत्रणकरनेकीक्षमताभीनिहितहै।साथही,आर्थिकदृष्टिऔरमवेशियोंकेचारामेंभीवृक्षोंकामहत्वअधिकहोताहै।
रामपुनितचौधरीनेअपनेजीवनकालमेंअबतकपानीबचानेकेउद्देश्यसेहजारोंपेड़विभिन्नभागोंमेंलगाचुकेहैं।उन्होंनेसमस्तीपुरलॉकॉलेजपरिसर,दलसिंहसरायछत्रधारीहाईस्कूलपरिसर,वीआइपीकॉलोनी,नाजिरपुरबेसिकस्कूलपरिसर,चांदचौरशंकरचौकसेमथुरापुरजानेवालीसड़ककिनारे,मथुरापुरशमशानभूमिपर,दुर्गामंदिरपरिसरसहितअन्यजगहोंपरघूम-घूमकरपेड़लगाए।इतनाहीनहीं,रामपुनितचौधरीकोजबभीकामसेनिवृत्तहोतेहैंतोबाल्टीऔरलोटाहाथमेंलेकरस्वयंपेड़ोंकीसिचाईकरतेरहतेहैं।
तालाबोंऔरकुओंकीसुरक्षाकेलिएसरकारसेलड़रहेजंग
अधिवक्तारामपुनितचौधरीकेवलएकगांव,कस्बायाप्रखंडकेलिएहीनहीं,बल्किसमूचेदेशकेसार्वजनिकतालाबों,कुओंतथानहरोंकोअतिक्रमणमुक्तकरइसकेउड़ाहीतथासौंदर्यीकरणकरवानेकेलिएसरकारसेभीजंगलड़रहेहैं।इसकेलिएउन्होंनेपटनाऔरझारखंडहाईकोर्टमेंयाचिकाभीदायरकरचुकेहैं।अखिलभारतीयजलयोद्धासंग्रामसमितिकागठनकरसरकारसेआंदोलनकेमाध्यमसेजलस्त्रोतोंकोबचानेकेलिएसंघर्षजारीकरदियाहै।पिछलेछहअगस्तकोअधिवक्तारामपुनितचौधरीनेप्रखंडकार्यालयपरमौनधरनादेकरसभीतालाबों,नहरोंवकुओंकोअतिक्रमणमुक्तकरइसकीसुरक्षाकीमांगकीहै।वेलोगोंकेबीचजाकर'जल-जंगलजलस्त्रोतबचाएं,धरतीकोखुशहालबनाएं'कानारालगाकरपानीबचावअभियानमेंजुटेहैं।
अपनेगांवस्थितसरकारीतालाबोंकीसौंदर्यीकरणकेलिएसरकारसेबार-बारमांगकरतेरहें।जिसकेफलस्वरूपतालाबकीउड़ाहीऔरसौंदर्यीकरणकाकामशुरूहोचुकाहै।अधिवक्तारामपुनितचौधरीकायहप्रयासएकदिनजरूररंगलाएगी।यहउनकादृढविश्वासहै।