विनोदचतुर्वेदी,चम्पावत:सकारात्मकसोचहोतोनएआविष्कारहोहीजातेहैं।मनऔरविचारकासामंजस्यकर्तव्यकीराहआसानकरदेताहै।लोहाघाटविकासखंडकेखूनाबोरानिवासीविजयसिंहकोहीलें,जिन्होंनेअपनेघरआगरगांवकेजंगलमेंचट््टानोंपरपेंटिंगकरसबकाध्यानअपनीओरखींचाहै।राकपेंटिंगकेजरिएवेजंगलमेंमंगलकररहेहैं।चट्टानोंपरबनीउनकीउनकीकलाकृतियांनकेवलराहगीरोंएवंपर्यटकोंकोअपनीओरआकर्षितकररहीहैंअपितुवनोंएवंवन्यजीवोंसेप्रेमकरनेकाभीसंदेशदेरहीहैं।

खूनाबोराकेआगरगांवनिवासी28वर्षीयविजयसिंहबोहराएकसालपूर्ववहघरसेदूरअपनेबंजरखेतोंमेंगएऔरउन्होंनेपहाड़ीमेंबड़ी-बड़ीचट्टानेंदेखी।फिरक्याथायहींसेउनकेमनमेंचट्टानोंमेंपेंटिंगकरनई-नईकलाकृतियांबनानेकाविचारपैदाहुआ।घरजाकरउन्होंनेपेंटिंगकीसभीसामग्रीजुटाईऔरदूसरेदिनसेराकपेटिंगकाकामशुरूकरदिया।अबवहअन्यजगहोंमेंभीचट्टानोंपरराकपेंटिंगकररहेहैं।उनकायहकार्यसुर्खियोंमेंआगयाहै।लोगइंटरनेटमीडियामेंभीउनकीराकपेंटिंगशेयरकररहेहैं।मनमोहकऔरस्थानीयपरिवेशमेंढालीगईयहपेंटिंग्सजंगलकेवीरानेमेंसुखदअनुभूतिकरारहीहै।

अमूमनपहाड़मेंलगभगहरजगहबड़े-बड़ेपत्थरएवंशिलाएंहोतीहैं,इनमेंकईशिलाएंप्राकृतिकरूपसेकुछनकुछशक्लउकेरतीदिखाईदेतीहंै।विजयसिंहइनशिलाओंमेंभीरंगरोगनकरउन्हेंनयारूपदेरहेहैं।बकौलविजयसिंहकोरोनाकीपहलीलहरसेपूर्ववहदिल्ली,देहरादून,हल्द्वानीऔरनैनीतालआदिजगहोंमेंहोटलतथाप्राईवेटकार्यालयोंमेंकामकरचुकेहैं।लाकडाउनकेबादवेभीअन्यप्रवासियोंकीतरहघरआगए।घरबैठे-बैठेउन्हेंबोरियतहुईतोएकदिनवहघरकेकुछदूरघासकेखेतोंमेंचलेगएऔरउन्होंनेवहांबड़ी-बड़ीचट्टानेंदेखी।उनकेमनमेंचट्टानपरपेंटिंगकरकलाकृतिबनानेकाविचारआया।यहींसेउन्होंनेचट्टानोंपरकलाकृतियांबनानेकाकामशुरूकरदिया।भाजपानगरमंडलअध्यक्षमहेशसिंहबोहरानेविजयसिंहकोप्रोत्साहितकरनेकीमांगकीहै।उनकाकहनाहैकिसकारात्मकसोचवालेयुवाओंकोआगेबढ़ानेकेलिएप्रशासनस्तरपरपहलहोनीचाहिए।

By Doyle