बतादेंकिदिल्लीनगरनिगमकोतीननिगमोंमेंविभाजितकरनेकाप्रयोगअबतकअसफलरहाहै.नगरनिगमकोविभाजितकरनेकेबादसेहीनगरनिगमोंकेकामकाजमेंकोईखाससुधारतोनहींहुआ,उलटेनिगमवित्तीयसंकटमेंइसकदरफंसगएकिकर्मचारियोंकोवेतनदेनामुश्किलहोगयाथा.साल2011मेंजबदिल्लीकीमुख्यमंत्रीशीलादीक्षितथीं,तोउन्होंनेदिल्लीविधानसभानेएकप्रस्तावपासकियाथा,जिसेकेंद्रसरकारनेअपनीस्वीकृतिदीथी.इसकेबादतीनोंनगरनिगमोंकापहलीबारचुनाव2012मेंहुआ.उससमयदिल्लीऔरकेंद्रदोनोंजगहोंपरकांग्रेसपार्टीकीसरकारथीऔरनगरनिगममेंभारतीयजनतापार्टीकाराजथा.
अपनाईजासकतीहैमेयर-इन-काउंसिलव्यवस्था
बतायाजारहाहैकिदिल्लीसरकारकादखलनिगममेंबेहदकमकरनेकेलिएमेयर-इन-काउंसिलव्यवस्थाअपनाईजासकतीहै,जिसमेंमेयरऔरउसकेपार्षदोंकोशहरकेलोगसीधेचुनेंगे.अगरऐसाहोताहैतोवहराज्यकेसीएमअरविंंदकेजरीवालसे ज्यादाप्रभाववालामानाजाएगा,क्योंकिसीएमतोसिर्फएकविधानसभासेविधायककेतौरपरचुनाजाताहै.वहीं,मेयरऔरपार्षदोंकाकार्यकालबढ़ानेपरभीविचारकियाजारहाहै.
कैसेथे2017मेंहुएनगरनिगमचुनावकेनतीजे
2012केचुनावमेंतीनोंनगरनिगमोंमेंबीजेपीकीशानदारजीतदर्जकीथी.बीजेपी272मेंसे138सीटेंजीतनेमेंसफलरहीथी,जबकिकांग्रेसपार्टीको77सीटोंपरहीसंतोषकरनापड़ा.2017मेंजबदूसरीबारनगरनिगमकाचुनावहुआतोबीजेपीकीएकतरफाजीतहुईऔरबीजेपीकेसीटोंकीसंख्या138सेबढ़कर181परपहुंचगईथी.2017मेंपहलीबारनगरनिगमचुनावलड़तेहुएआमआदमीपार्टी49सीटोंकेसाथदूसरेस्थानपररहीऔरकांग्रेस31सीटोंकेसाथतीसरेस्थानपररहीथी.
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