यादवेन्द्रशर्मा,शिमला

कोरोनासंकटमेंदेहदानलेनेपररोकहै,ताकिकोरोनासंक्रमणनफैले।इसकेलिएसभीमेडिकलकॉलेजोंकोनिर्देशदिएगएहैं।इसकारणहिमाचलमेंसातमाहसेएकभीदेहदाननहींहोसकाहैऔरजिन्होंनेदानकासंकल्पलियाथाऔरउनकीमृत्युहोगई,उनकीदेहभीनहींलीगई।प्रदेशमेंदेहदानकेप्रतिलोगजागरूकहैं।इसीकापरिणामहैकिअबतककरीब500लोगदेहदानकासंकल्पलेचुकेहैं।

प्रदेशमेंछहमेडिकलकॉलेजहैं।इनमेंकरीब900प्रशिक्षुडॉक्टरप्रशिक्षणलेरहेहैं।इन्हेंडॉक्टरबननेकेलिएहरमेडिकलकॉलेजमें10से15देहकीहरसालआवश्यकताहोतीहैऔरइसआवश्यकताकोपूराकरनेकेलिएपीजीआइचंडीगढ़सेदेहलेनीपड़रहहैंयाफिरजोऐसेलोगोंकीदेहमिलतीहैजिनकावारिसनहींहोताहै।इसकेअलावाजिसमेडिकलकॉलेजकेपासज्यादादेहहोतीहैंतोउनसेलीजातीहैं।

इंदिरागांधीमेडिकलकॉलेजएवंअस्पताल(आइजीएमसी)शिमलामें2012मेंदेहदानकीप्रक्रियाकोशुरूहुईथीजबकिडॉ.राजेंद्रप्रसादमेडिकलकॉलेजएवंअस्पतालटांडा(कांगड़ा)में2015मेंऔरनएमेडिकलकॉलेजोंमेंअभीदोवर्षभीनहींहुएहैं।ऐसेमेंवहांपरदेहदानकरनेवालोंकीसंख्याकमहै।

अबऑनलाइनकरसकतेहैंआवेदन

देहदानकेलिएअबऑनलाइनभीआवेदनकरसकतेहैं।इसकेलिएसंबंधितमेडिकलकॉलेजकीवेबसाइटपरआवेदनपत्रदियागयाहै।जिसभीमेडिकलकॉलेजमेंदेहदानकीप्रक्रियाकोशुरूकियाजानाहैवहांपरसमितिकागठनहोनाआवश्यकहै।समितिमेंकॉलेजकेप्रधानाचार्यकेअलावाएनॉटमीविभागकेविभागाध्यक्षवअन्यशामिलहोतेहैं।

आठसालमेंमात्रपांचदेहहुईप्राप्त

प्रदेशमें2012सेदेहदानकीप्रक्रियाशुरूहुईऔरअभीतककेवलपांचदेहहीप्राप्तहुईहैं।2012मेंसिरमौरजिलाकीउपतहसीलभांगड़के63वर्षीयबलदेवसिंहनेदेहदानकीथीऔरउनकीडेडबॉडीमिलीथी।तबसेअभीतकपांचहीदेहप्राप्तहुईहैं।

मिट्टीमेंहीमिलजानाहैशरीर

जिलाऊनाकेबंगाणानिवासी68वर्षीययशपालजोदुकानचलातेहैं।उनकाएकबेटाऔरएकबेटीकेअलावापौताऔरपौतीहैं।उनकामाननाहैकियहशरीरमिट्टीमेंमिलजानाहैमरनेकेबादशरीरकिसीकेकामआजाएउससेबढ़करक्याहै।इसलिएउन्होंनेअपनीदेहकोदानकियाहै।इसकेलिएपंचायतप्रधानकोभीलिखितमेंकहाकिकिमेरीमृत्युकेबादमेराशरीरआइजीएमसीशिमलाकोदेदियाजाए।

शिमलाजिलाकेकैथूनिवासीदिनेशसूदमैकेनिकलइंजीनियरकेतौरटेलीकॉमकंपनीसेदोसालपूर्वसेवानिवृत्तहोकरमुम्बईसेलौटेहैं।उन्होंने2019मेंअपनीदेहकोआइजीएमसीशिमलाकेलिएदानकरदियाहै।उनकामाननाहैकिदेहदानमानवताकीसबसेबड़ीसेवाहै।

आइजीएमसीमें380लोगदेहदानकेलिएआवेदनकरचुकेहैं।इनमेंसेपांचदेहप्राप्तहुईहैं।काफीलोगदेहदानकासंकल्पलेरहेहैं।कोरोनाकेकारणदेहदानपररोकलगाईगईहै।

-डॉ.अंजू,विभागाध्यक्ष,एनॉटमीविभागआइजीएमसी