जागरणसंवाददाता,ओबरा(सोनभद्र):प्रधानमंत्रीनरेंद्रमोदीद्वाराकृषिकानूनोंकोवापसलेनेकीघोषणाकेबादअबबिजलीसंशोधनबिलकोसंसदकेशीतकालीनसत्रमेंपेशकरनेकीसंभावनाकेखिलाफआंदोलनतेजहोनेकीसंभावनाहै।बिजलीकर्मियोंकेसाथहीकिसानोंनेभीबिजलीसंशोधनबिलवापसलेनेकीमांगकीहै।शीतकालीनसत्रकेपहलेदिन29नवंबरकोहोनेवालेबिजलीकर्मियोंकेदेशव्यापीआंदोलनकेसाथहीकिसानोंकाभीआंदोलनहै।विद्युतकर्मचारीसंयुक्तसंघर्षसमितिनेबतायाकिनयाबिलपूरीतरहकिसानविरोधीहै।संघर्षसमितिकेस्थानीयसंयोजकइ.अदालतवर्मानेकहाकिनएबिलमेंइसबातकाप्रावधानहैकिकिसानोंकोबिजलीटैरिफमेंमिलरहीसब्सिडीसमाप्तकरदीजाएऔरबिजलीकीलागतसेकममूल्यपरकिसानोंसहितकिसीभीउपभोक्ताकोबिजलीनदीजाए।इसबिलकेजरिएबिजलीकानिजीकरणकरनेकीयोजनाहै।बतायाकिसब्सिडीसमाप्तहोजानेपरबिजलीकीदरें10से12रुपयेप्रतियूनिटहोजाएगीऔरकिसानोंकोआठसे10हजाररुपयेप्रतिमाहकान्यूनतमभुगतानकरनापड़ेगा।इतनीमहंगीदरोंपरकिसानबिजलीनहींखरीदपाएगाजिसकादुष्परिणामखाद्यान्नकेउत्पादनपरपड़ेगा।नईनीतिकेतहतसब्सिडीवक्राससब्सिडीधीरेधीरेतीनसालमेंसमाप्तकरदीजाएगी।इसीलिएकिसानसंगठनभीनएबिलकाविरोधकररहेहैं।नेशनलटैरिफपालिसीपरउठरहेसवाल
आलइंडियापावरइंजीनियर्सफेडरेशनकेचेयरमैनशैलेंद्रदुबेनेबतायाकिबिजलीसंविधानमेंसमवर्तीसूचीमेंहैऔरराज्यकाविषयहै।नयेसंशोधनकेबादबिजलीआपूर्तिमेंकेंद्रकीसीधीदखलंदाजीहोगीजोराज्योंकेअधिकारक्षेत्रकाहननहै।नयासंशोधनराज्योंकेहितोंकेविपरीतहै।वर्तमाननीतिकेअनुसारइलेक्ट्रिीसिटीएक्ट2003मेंलिखाहैकिटैरिफतयकरनेमेंकेंद्रवराज्यकेविद्युतनियामकआयोगराष्ट्रीयविद्युतनीतिवटैरिफनीतिसेमार्गदर्शनलेतेहुएबिजलीकीदरेंनिर्धारितकरेंगे।नयेसंशोधनकेअनुसारकेंद्रवराज्यकेनियामकआयोगराष्ट्रीयटैरिफनीतिकापालनकरनेकेबाध्यहोंगे।यहएकप्रकारसेनियामकआयोगकीस्वयत्तामेंसीधीदखलंदाजीहैऔरउपभोक्ताविरोधीहै।