लखनऊ,[अजयश्रीवास्तव]। आपसुनकरआश्चर्यमेंपड़जाएंगेकिराजधानीकीएककालोनीमेंतीनसौमकानऐसेहैं,जहांसांपबसेराकरतेहैं।येमकानजंगलीपेड़ोंसेढंकगएहैंऔरलगताहैजंगलकाहीकोईहिस्साहै।'भूतहाबंगला'जैसेयेमकानअबआवंटियोंकोडरारहेहैं।यहांचोरछिपनेकेलिएझाड़ियोंमेंघुसजातेहैं।सांपोंकोतोयहांकेनिवासीअक्‍सरदेखतेहैं।यहहालहैआवासविकासपरिषदकीकालोनियोंका।

आवंटियोंनेमकानपानेकेलिएआवासविकासपरिषदतकदौड़औरजुगाड़दोनोंलगाएथे,लेकिनदससालपहलेआवंटितमकानकोअबतकघरनहींबनासकेहैं।परिषदनेसेक्टर-बीसमेंमकानबनाकर आवंटनखोलाथाऔर2012मेंपंजीकरणकरानेकेबाद2015मेंकब्जाभीदेदियाथा।तबमकानकीकीमत27लाखथी,जोअबबढ़कर90लाखकेपारकरगईहै,लेकिन364आवासोंवालीइसकालोनीमें55घरहीआबादहोपाएहैं।इसमेंसे45मेंआवंटीतोशेषमेंकिराएदाररहतेहैं।

आवंटीइनमकानोंकोदेखनेतकनहींआतेहैंतोसाफसफाईकीबातदूरहै।हकीकतमेंरिसेलमेंमहंगेदामोंपरबेचनेकेलिएखरीदेगएयेमकानउनआवंटियोंकेल‍िएखतराबनगएहैं,जोयहांआकररहरहेहैं।हालयहहैकिगर्मीआतेहीसांपयहांघरोंसेनिकलतेदिखतेहैंऔरफिरवहींझाड़ियोंसेघिरेमकानोंमेंहीचलेजातेहैं।अबबारिशआगईहैतोसांपोंकाखतराऔरभीबढ़गयाहै।यहांकेनिवासीशैलेशवाजपेयीकहतेहैंकियहडरभीबनारहताहैकिकोईअराजकतत्वबच्चोंकोमकानोंकीझाड़ियोंमेंलेजाकरगलतकामनकरे।

यहएकउदाहरणहैं,जबकिवृंदावनकालोनीमेंवीरानसेपड़ेमकानोंकीसंख्याअनगिनतहै।गोवर्धनएन्क्लेवमेंभी60प्रतिशतफ्लैटोंमेंतालालटकरहाहै।यहांकेनिवासीबतातेहैंकिबंदपड़ेफ्लैटकभी-कभीखुलतेभीहैंतोअराजकताकामाहौलहीदिखताहै।नगरनिगमकालिखाएकट्रकभीआकरयहांखड़ाहोजाताहै।

'लोगोंनेजरूरतबताकरमकानोंकोआवंटिततोकरालियाथा,लेकिनसातसालसेअधिकसमयबीतनेकेबादभीरहनेनहींआएहैं।ऐसेमकानोंमेंझाड़ियांतकउगआईहै।नियमोंकेतहतआवंटननिरस्तनहींकरसकताहैलेकिनअन्यआवंटियोंकीसुरक्षाकोदेखतेहुएमकानबंदकररखनेवालेआवंटियोंकोनोटिसभेजीजाएगी।-राजीवरस्तोगी,सहायकअभियंताआवासविकासपरिषद