खूंटी,[कंचनकुमार]।खूंटीजिलेकोप्रकृतिनेबहुतकुछदियाहै।यहांपर्यटनकेक्षेत्रमेंविकासकीअपारसंभावनाएंहैं।लेकिनयहांइसक्षेत्रमेंविकासकेलिएअपेक्षितपहलनहींकीगईहै।पर्यटनक्षेत्रोंकाविकासहोनेपरयुवाओंकोरोजगारउपलब्धहोता,यहांकीयुवापीढ़ीरोजगारकेलिएबड़ीसंख्यामेंदूसरेराज्योंकेलिएपलायनकरतीहै। जिलेमेंपर्यटनस्थलोंकीभरमारहै।

यहांएकसेबढ़करएकफॉल,डैमएवंआम्रेश्वरधामजैसेख्यातधार्मिकस्थलहैं।पंचघाघएवंपेरवाघाघजलप्रपात,रानीफॉल,तजनानदीजैसेस्थलकीप्राकृतिकछटासैलानियोंकोअपनीओरखींचलातीहै।फुदकतेमृगकेझुंडकोदेखनेकेलिएबड़ीसंख्यामेंलोगदूर-दूरसेआतेहैं।जबकिबाबाआम्रेश्वरधामकाआशीर्वादलेनेकेलिएभक्तोंकीभीड़उमड़तीहै।इसेमिनीबाबाधामकहाजाताहै।

यदिइनस्थलोंकाविकासकियाजाएतोक्षेत्रमेंखुशहालीआजाएगी।लोगोंकोरोजगारमिलेगा।आनेवालेमेहमानों(सैलानियों)कीसंख्याबढऩेसेक्षेत्रकीख्यातिबढऩेकेसाथलोगोंकेशान-ओ-शौकतमेंभीवृद्धिहोगी।इसदिशामेंपहलकरक्षेत्रमेंसमृद्धिलाईजासकतीहै।जिलामुख्यालयसेमहज15किलोमीटरदूरीपरहैमुरहूकापंचघाघजलप्रपात।ऊंचेपहाड़एवंसालवृक्षोंकेसेघिरायहअत्यंतमनोरमस्थलहै।

प्राकृतिकसुंदरताकेतरानेछेड़तेझरनेएवंदूर-दूरतकफैलेपेड़ोंपरचिडिय़ोंकीचहचहाहटसुनसैलानियोंकेपांवयहांबरबसहीठहरजातेहैं।लेकिनइसस्थलकीहालतबदतरहोरहीहै।छोटे-छोटेबनेसंकीर्णब्रिजकीरेलिंगपूर्णत:जर्जरहोकरढहगईहै।पीनेकापानीवशौचालयकीव्यवस्थानहींहै।बनेहुएशौचालयोंमेंतालेलटकेरहतेहैं।यहांसैलानियोंकेठहरनेकेलिएव्यवस्थाकीजासकतीहै।

तोरपाकेपेरवाघाघकीप्राकृतिकछटादेखतेहीबनतीहै।नीलेपानीकेकारणइसजलप्रपातकीअलगहीपहचानहै।जनवरीमाहमेंयहांकईराज्योंसेपर्यटकपहुंचतेहैं।मुखियापुष्पागुडिय़ा,तपकराकीसुदीपगुडिय़ाएवंकमेटीसदस्यजयसिंहआदिकाकहनाहैकिपर्यटनस्थलकेरूपमेंइसक्षेत्रकोसुविधाओंसेलैसकरदियाजाएतोयहांपहुंचनेवालेसैलानियोंकीसंख्यामेंकईगुणाकीवृद्धिहोसकतीहै।

आसपासहोटलतथाबाजारकाविकासहोगा।साथहीवाहनोंकापरिचालनभीकाफीसंख्यामेंबढ़ेगा।रोजगारकेसाधनबढ़ेंगे।इसदिशामेंपहलकरनेकीजरूरतहै।बाबाआम्रेश्वरधाममेंबाबापरजलाभिषेककेलिएकईराज्योंकेश्रद्धालुकांवरलेकरपहुंचतेहैं।इसेमिनीबाबाधामकहाजाताहै।फिरभीयहांसुविधाएंनगण्यहैं।यहांविकासकीबड़ीसंभावनाएंहैं।

बिरसामृगविहारकीदेख-रेखकुछहदतकठीक-ठाकहै।लेकिनयहांभीसैलानियोंकेठहरनेकेलिएकोईव्यवस्थानहींहै।प्राकृतिकरूपसेइतनेसमृद्धहोनेकेबादभीपर्यटनस्थलोंकाअपेक्षितविकासनहींहोनेकेकारणजिलेकेलोगोंकोपलायनकादंशझेलनापड़रहाहै।

यहांकीप्राकृतिकछटासचमुचनिरालीहै।लोगोंकोसुकूनमिलताहै।झरनाकोप्राकृतिकरूपमेंहीछोड़देनाचाहिए।क्षेत्रकाविकासकरनाजरूरीहै,ताकिदूरसेआएलोगोंकोसुविधाएंमिलसके।-संजयअग्रवाल,डोरंडा,रांची

अभीपर्यटकोंकेआनेकामौसमनहींहै।तबभीछुट्टीकेदिन8-10गाडिय़ांआजातीहैं।आनेवालेज्यादातरलोगबाहरकेहोतेहैं।आसपासमेंउपयुक्तबाजारनहींहोनेकेकारणउन्हेंपरेशानीहोतीहै।-संजयरोडरा,सचिव,पर्यटनविभाग

बाबाआम्रेश्वरधाममेंदूर-दूरसेलोगपूजाकरनेपहुंचतेहैं।सावनमाहमेंयहांश्रद्धालुओंकीकाफीभीड़उमड़तीहै।इसक्षेत्रकाविकासप्राथमिकताकेतौरपरकियाजानाचाहिए।-रोहितकुमार।

बाबाआम्रेश्वरधामकेविकासकेलिएमंदिरकीजमीनकमपड़रहीहै।जमीनकीतलाशकीजारहीहै।झारखंडहिंदून्यासबोर्डसेइसेपर्यटनस्थलकादर्जामिलचुकाहै।विकासकाकामजारीहै।-मनोजकुमार,सदस्य,मंदिरसंचालनसमिति।

By Elliott