कोरोनावैक्सीनेशनकोलेकरग्रामीणइलाकोंमेंडरअभीभीलोगोंकेमनमेंहैं।छत्तीसगढ़सरकारकेवर्गीकरणकेबादभीवैक्सीनकीडोजबर्बादहोरहीहै।ऐसेमेंप्रदेशकाशिमलाकहेजानेवालेमैनपाटमेंरहनेवालेतिब्बतीशरणार्थियोंसेसबकलेनाचाहिए।इनमें45+केसभीतिब्बती100%वैक्सीनेशनकराचुकेहैं।वहीं18+मेंभीसिर्फ12लोगऐसेबाकीरहगएहैं,जिन्हेंपहलीडोजलगाईजानीहै।खासबातयहहैकिअबयेलोगदूसरोंकोभीइसकेलिएजागरूककररहेहैं।

डोजबर्बादनहोंइसलिएपहलेसेलगवारहेथेटीके

तिब्बतियोंकीजागरूकताइसीबातसेसमझीजासकतीहैकिजब45सेअधिकउम्रकेलोगोंकोशुरुआतमेंटीकालगरहाथा।तबग्रामीणनहींपहुंचतेथे।ऐसेमेंटीकाबर्बादहोनेकीस्थितिआतीतोपताचलतेहीतिब्बतीलगवालेतेथे।इसकेकारणउनकेकैंपकेआसपासकेकेंद्रोंमेंटीकेखराबनहींहुए।स्वास्थ्यविभागकेआंकड़ोंकीबातकरेंतो45+उम्रकेसभी391तिब्बतीवैक्सीनेशनकरवाचुकेहैं।वहीं18+उम्रके150मेंसे138युवाओंनेटीकेकापहलाडोजलेलियाहै।

आदिवासियोंकोकररहेजागरूक,सामाजिकबहिष्कारकीभीधमकी

सभीकैंपमेंरहनेवालेतिब्बतीअबलोगोंकोजागरूककरनेकेलिएकामकररहेहैं।माझीजनजातिवअन्यलोगजिनकीसंख्याअधिकहै,वहटीकालगवानेसेझिझकरहेहैं।ऐसेमेंउन्हेंसामाजिकबहिष्कारकीचेतावनीदीजारहीहै।साथहीकहाजारहाहैकिकैंपमेंआनेनहींदेंगे।इसकेपीछेकारणबतातेहैंकिउनमेंजागरूकताकाफीकमहै।इसलिएडरदिखाकरउन्हेंवैक्सीनेशनकेलिएमनायाजारहाहै।जिससेसंक्रमणकोफैलनेसेरोकाजासके।

60केदशकमेंयहांचीनकेहमलेकेबादबसायागयाथायहां

मैनपाटमेंतिब्बतियोंकोनिवासकरतेहुए55सालसेज्यादाहोगएहैंऔरतिब्बतीअबयहांकीआबोहवामेंपूरीतरहसेढलचुकेहैं।साल1962मेंतिब्बतपरचीनीकब्जेऔरवहांकेधर्मगुरूदलाईलामासहितलाखोंतिब्बतियोंकेनिर्वासनकेबादभारतसरकारनेउन्हेंअपनेयहांशरणदीथी।उन्हेंठंडेइलाकोंमेंबसायागया।पहाड़ीइलाकेमैनपाटकीआबोहवाभीतिब्बतजैसीहीहै।इसकेचलतेतिब्बतीयहांबसाएगए।

ऐसीदिक्कतोंमेंहमेशासहयोगकरतेहैंतिब्बती

मैनपाटमेंरहनेवालेतिब्बतीभाईहमेशाऐसीपरेशानियोंमेंसहयोगकरतेहैं।पहलेभीजबउल्टी-दस्तकोलेकरहरकोईइलाकेमेंपरेशानथातोयेसभीआगेआएऔरसपोर्टकिया।अबकोरोनावैक्सीनेशनमेंभीखुदटीकेलगवानेकेबादऔरलोगोंकोभीजागरूककररहेहैं।

-डॉ.राजेशभजगावली,जिलाटीकाकरणअधिकारी,सरगुजा

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