मध्यप्रदेश,महाराष्ट्र,आंध्रप्रदेश,तमिलनाडु,गोवासेलेकरहिमाचलप्रदेशतकमकरसंक्रांतिदेशकेलगभगसभीराज्योंमेंमनायाजानेवालाजनवरीमाहकासर्वमात्रत्योहारहै।स्थानीयभौगोलिक,सामाजिकऔरआर्थिकस्थितियांइसकेलोकरूपमेंथोड़ीभिन्नतातोलासकतीहैपरंतुइसउत्सवकामूलभाव,दर्शनवकारणएकहीहै।
राजपरिवारसेआतीपहलीखिचड़ी
उत्तरप्रदेशमेंयहपर्वखिचड़ीकेरूपमेंमनायाजाताहै।मकरसंक्रांतिप्रयागराजकेमाघमेलेकापहलास्नानहोताहै।गोरखपुरकीगोरक्षनाथपरंपरामेंखिचड़ीकेदिनदेश-विदेशकेश्रद्धालुनाथपरंपराकेआदियोगीगोरखनाथजीकेमंदिरमेंखिचड़ीचढ़ातेहैं।यहांब्रह्ममुहूर्तमेंपहलीखिचड़ीनेपालकेराजपरिवारकीचढ़तीहै,फिरदिनभरयहक्रमचलतारहताहै।रंगीलेराजस्थानसेभीमकरसंक्रांतिकासीधानाताहै।घर-घरमेंतिल-पट्टी,गजक,पकौड़ीऔरपुआबनताहै।विवाहकेपश्चातपहलीसंक्रांतिदेखनेवालीनई-नवेलीदुल्हनकोउसकेमाता-पिताजमाईसमेतविशेषसंक्रांति-भोजकेलिएआमंत्रितकरतेहैं।
समयकोजोड़नेकीसंक्रांति
14-15जनवरीकोमकरसंक्रांतिदेशकेलगभगसभीराज्योंमेंमनायाजानेवालावहउत्सवहै,जबप्रकृतिहमेंशीतसेराहतदेनाप्रारंभकरतीहै।फसलेंयातोकटनेयोग्यहोजातीहैंयाकटचुकीहोतीहैं।मकरसंक्रांतिसेदिनबड़ेहोनेलगतेहैं।संक्रांतिकाआशयहै-संधिअर्थातजोड़ना।समयकोजोड़नेवालामहत्वपूर्णकाल।इसत्योहारकाआनंदसभीराज्य,जनपदऔरगांवअपनी-अपनीपरंपराओंकेसाथउठातेहैं।
मकरसंक्रांतिकेदिनहरियाणाकेपुरुषअपनीहवेलीमेंबैठकरस्त्रियोंसेउपहारग्रहणकरतेहैंऔरघी-चूरमा,खीर,हलवाआदिचखतेहुएलोकगीतोंकाआनंदउठातेहैं।मकरसंक्रांतिजिसेपंजाबमें'माघी'और'लोहड़ी'नामसेमनातेहैं,मुक्तसरसाहिबमेंबड़ामेलालगताहै।दिल्लीऔरपंजाबकेबड़ेक्षेत्रमेंइसदिनआगजलाकरधूमधामसेलोहड़ीमनाईजातीहै,भांगड़ा-गिद्दाहोताहैऔरनईफसलकाउत्साहचमकतेचेहरोंपरसाफदिखाईदेताहै।
सेहतसेजुड़ीरीतियां
इसीदिनसेसूर्यदेवउत्तरायणहोजातेहैं-मतलबधरतीकाउत्तरीगोलार्द्धसूर्यदेवकीओरमुड़जाताहैऔरसूर्य6माहकेलिएउत्तरसेउदयहोनाप्रारंभकरदेतेहैं।धीरे-धीरेदिनबड़ेऔररातेंछोटीहोनेलगतीहैं।हाड़कंपातीशीतकोसूर्यकीऊष्मानिगलनाप्रारंभकरदेतीहै।इसमौसममेंसुबहकासूर्यप्रकाशत्वचा,हड्डियोंऔरपूरेशरीरकेलिएलाभकारीहोताहै।
शुरुआतपक्कीमित्रताकी
फ्रेंडशिपडेजैसीपश्चिमीअवधारणाकेसमानांतरमकरसंक्रांतिकेदिनमित्रताकायहविशेषभावपूर्वीराज्यउड़ीसामेंदेखनेकोमिलताहै।यहत्योहारसूर्यदेवकीआराधनाकोसमर्पितहैऔरविश्वप्रसिद्धकोणार्क-सूर्यमंदिरइसीराज्यमेंस्थितहै।इसराज्यकेकुछभागोंमेंइसदिनसेमित्रताकीनईशुरुआतहोतीहै।इसपरंपराकोमकरनसीबाकहतेहैं।यदिदोबहनेंयामां-बेटीयाकोईदोस्त्रियांएकदूसरेकोसर्वोत्तममित्रबनानेकानिर्णयलेतीहैंतोउसीमकरसंक्रांतिसेवेएकदूसरेकोनामसेनहींबल्किमकरकहकरबुलातीहैं।इसीप्रकारजबदोपुरुषऐसानिर्णयलेतेहैंतोवेएक-दूसरेकोमरसदनामसेसंबोधितकरतेहैं।उड़ीसामेंइसपर्वकास्वागतनारियल,केला,गुड़,कालीमिर्च,गन्ना,छेनाआदिनएचावलमेंमिलाकरनैवेद्यतैयारकियाजाताहै।
पांचहजारवर्षपूर्वभगवानश्रीकृष्णनेभीउत्तरायणके6महीनोंकोशुभकालबतायाहै।गीतामेंश्रीकृष्णकहतेहैंकिजबसूर्यदेवउत्तरायणहोतेहैंऔरपृथ्वीपरऊष्माऔरप्रकाशकीवर्षाहोरहीहोतीहै।ऐसासमयशरीरकेपरित्यागकेलिएभीउचितहैऔरशैय्यापरलेटेभीष्मपितामहनेशरीरतबतकनहींतजाथाजबतकसूर्यदेवउत्तरायणीनहींहोगएथे।