दानकाशाब्दिकअर्थहै'देनेकीक्रिया'।जबहमअपनीसामर्थ्यनुसारकिसीजरूरतमंदकीमददकरतेहैंतोवहदानकहलाताहै।दानमेंदातापनकाभावनहींहोनाचाहिए।कहाभीजाताहैकिएकहाथसेयूंदानकरोकिदूसरेहाथकोभीपतानहींचलें।हिंदूधर्ममेंदानकाअत्यधिकमहत्वबतायागयाहै,यहसिर्फहमारारिवाजवपरंपरामात्रनहींहैबल्किदानकरनेकेपीछेहमारेहरधार्मिकग्रंथोंएवंशास्त्रोंमेंमहत्वपूर्णउद्देश्यबताएगएहैं।कर्ण,दधीचितथाराजाहरिशचंद्रजैसेपरमदानीभारतमेंहीहुएहैं,जिन्होंनेदुनियाकेसामनेदानकीमिसालकायमकी।राष्ट्रपितामहात्मागांधीकेपरमअनुयायीविनोबाभावेकेशब्दोंमेंदानकाअर्थफेंकनानहींबल्किबोनाहै।पुराणोंमेंभीअनेकतरहकेदानोंकाउल्लेखमिलताहैजिनमेंअन्नदान,विद्यादान,अभयदानतथाधनदानकोश्रेष्ठमानागयाहै।अबतोभारतमेंदेहदानकाभीप्रचलनहोचलाहै।
नहींहोतीहैकोईकमी
प्रकृतिसबसेअच्छीशिक्षकहैजोहमेंदेनासिखातीहै।सूर्य,फूल,पेड़,नदियां,धरतीसबकुछनकुछदेतेहैं,फिरभीनसूर्यकीरोशनीकमहुई,नफूलोंकीखुशबू,नपेड़ोंकेफलऔरनहीनदियोंकाजल।इसलिएकहाजाताहैकिदानएकहाथसेदेनेपरअनेकहाथोंसेलौटकरहमारेपासवापसआजाताहै।नोबलशांतिपुरस्कारसेसम्मानितमदरटेरेसानेकभीफुटपाथपरबैठीएकभूखीमहिलाकोकुछखानेकोदिया,उसमहिलानेमदरटेरेसासेनिवेदनकियाकिकृपयारुकें,मैंअभीआतीहूं।वहपड़ोसमेंगईऔरपड़ोसीमहिलाओंकोउसमेंसेआधाखानादेआई,जिसकेचार-पांचबच्चेथे।यहीहैदानकाअप्रतिमउदाहरण।
'दानदिएधननाघटे,नदीनाघटेनीर।अपनीआंखोंदेखलो,योंक्याकहेकबीर।'कबीरदासजीकायहदोहाअपनेआपमेंहीपूरीबातकहजाताहै।वेदोंऔरपुराणोंमेंभीकहागयाहैकिदानदेनेसेहमारेअंदरपरिगृह(जमाकरने)कीप्रवृत्तिनहींआती।मनमेंउदारताकाभावरहनेसेविचारोंमेंशुद्धताआतीहै।मोहतथालालचनहींरहता।इससेहमनसिर्फदूसरोंकाभलाकरतेहैंबल्किअपनेव्यक्तित्वकोभीनिखारतेहैं।जबहमबिनाकिसीस्वार्थकेदानकरतेहैंतोउससुखकाअनुभवहमेंआत्मसंतुष्टिदेताहै।
शास्त्रोंमेंदानकोविशेषदर्जाइसलिएभीदियागयाहैकिइसपुण्यकार्यसेसमाजमेंसमानताकाभावबनारहताहैऔरजरूरतमंदव्यक्तिकोभीजीवनकेलिएउपयोगीचीजेंप्राप्तहोजातीहैं।अन्न,जल,घोड़ा,गाय,वस्त्र,शय्या,छत्रऔरआसनइनआठवस्तुओंकादानहमारेपूरेजीवनकोशुभफलदेताहै।किसीरोगीकीसेवाकरना,देवताओंकापूजनऔरज्ञानीलोगोंकीसेवाकरना,येतीनोंकामभीगोदानकेसमानपुण्यदेनेवालेहोतेहैं।इसीतरहदीन,हीन,निर्धन,अनाथ,दिव्यांगतथारोगीमनुष्यकीसेवाकेलिएजोधनदियाजाताहै,उससेभीबहुतपुण्यप्राप्तहोताहै।
तोबेकारहैऐसादान
कहाभीगयाहैकिमनुष्यकोअपनेअर्जितकिएहुएधनकादसवांभागकिसीशुभकाममेंलगानाचाहिए।इसमेंगोशालामेंदान,गरीबबच्चोंकीशिक्षाकाप्रबंधयागरीबव्यक्तियोंकोभोजनखिलानाशामिलहै।दानदेनाजहांहमारेविचारोंएवंहमारेव्यक्तित्वपरएकमनोवैज्ञानिकप्रभावभीडालताहै।हमारीसंस्कृतिहमेंबचपनसेहीदेनासिखातीहैनकिलेना।माता-पिता,गुरु,मित्र,विनयी,उपकारकरनेवाला,दीन,अनाथतथासज्जनकोदानदेनासुफलदेताहै।दानदेनेकेसंबंधमेंसबसेजरूरीबातयहहैकियदिआपकिसीदबावमेंयादिखावेकेलिएदानकरतेहैंतोआपकेदानकाकोईमतलबनहींहोता।