जागरणसंवाददाता,ग्रेटरनोएडा:पेशेसेशारीरिकशिक्षाप्रशिक्षकतरुणयादवनॉलेजपार्कस्थितभरतरामग्लोबलस्कूलमेंकार्यरतहैं।2006कीबातहै।संभलमेंमौसाकेसाथरहकरस्नातककीपढ़ाईकररहेथे।70वर्षीयमौसामधुमेहसेग्रसितथे।वहरोजानायोगकाअभ्यासकरतेथे।तरुणकोविचारआयाकिजबमौसाइसउम्रमेंयोगकरसकतेहैंतोवहक्योंनहीं?तबसेयोगकासिलसिलालगातारजारीहै।2015सेयोगकाप्रशिक्षणदेनाशुरूकिया।इसदौरानकईलोगजोविभिन्नरोगोंसेग्रसितथे।उनकोकाफीआराममिला।अबतकएकहजारसेअधिकलोगोंकोयोगकाप्रशिक्षणदेचुकेहैं।
तरुणपरिवारकेसाथसूरजपुरमेंरहतेहैं।पितायोगेंद्रसिंह,मांमिथलेशदेवीऔरपत्नीभावनायादवहैं।उन्होंनेबतायाकियोगकासिलसिला2006सेशुरूहुआथा।स्नातककेबादबीपीएडकियाऔरदिल्लीस्थितमोरारजीदेसाईराष्ट्रीययोगसंस्थानसेप्रमाणपत्रकापाठ्यक्रमपूराकिया।इसकेबादभरतरामग्लोबलस्कूलमेंशारीरिकशिक्षककेतौरपरलगगए।पहलेस्कूलमेंविद्यार्थियोंकोयोगसिखाया।धीरे-धीरेसोसायटीकेलोगभीजुड़नेलगे।अबतकएकहजारसेअधिकलोगोंकोयोगकाप्रशिक्षणदेचुकेहैं।इसदौरानकाफीलोगयोगकरस्वस्थहुए।60वर्षीयएकमहिलाकेघुटनोंमेंदर्दथा।योगकरनेकेमहज15दिनमेंदर्दसेराहतमिली।ऐसेकईलोगजोशरीरकेदर्द,मधुमेहऔररक्तचापसेकीबीमारीसेग्रसितथे,उन्हेंयोगसेकाफीआराममिला।कोरोनाकालमेंयोगकाफीमददगारहै।इससेशरीरकीप्रतिरोधकक्षमताबढ़तीहै।ऑक्सीजनप्रचूरमात्रामेंमिलनेसेफेफड़ेमजबूतहोतेहैं।रोजाना40से60मिनटकरेंयोगकाअभ्यास
योगकेतहतप्राणायामवआसनआतेहैं।इसकेलिएबाहरजानेकीजरूरतभीनहींहोती।घरमेंआसानीसेकियाजासकताहै।शारीरिकफायदेकेलिएरोजाना40से60मिनटयोगकरनाचाहिए।आसनमेंदिक्कतहोनेपरसूर्यनमस्कारकियाजासकताहै।इससेशरीरकी85फीसदमांसपेशियांएकसाथसक्रियहोतीहैं।