संवादसहयोगी,सैफई(इटावा):उत्तरप्रदेशआयुर्विज्ञानविश्वविद्यालयमेंप्रतिदिनकरीबतीनहजारलोगओपीडीमेंआतेहैं।यहां24घंटेइमरजेंसीट्रामासेंटरमेंसेवाएंचालूरहतीहैं।आसपासके10जनपदोंसेगंभीरमरीजइलाजकरानेकेलिएपहुंचतेहैं,लेकिनमरीजकोखूनदलालोंकीमददसेहीमिलताहै।

सूत्रोंकेमुताबिक,चिकित्साविश्वविद्यालयमेंब्लडबैंककेबाहरकईसंदिग्धलोग24घंटेमौजूदरहतेहैं।वहब्लडबैंकमेंकिसीतीमारदारकोआतेदेखतेहीतत्कालब्लडदेनेकीबातकरनेलगतेहैं।इमरजेंसीट्रामासेंटरकेप्रथमफ्लोरपरस्थापितब्लडबैंककेबगलमेंआपकोकोईनकोईदलालजरूरमिलजाएगा।उसकीनजरउससमयसेलेकरतबतकआपपरटिकीरहेगी,जबतकआपवहांभटकरहेहोंगे।जबआपथकहारजाएंगेतोयहदलालआपकोअपनेचंगुलमेंफंसानेकीकोशिशकरेंगे।यहांआपकोब्लडतोजरूरमिलेगा,लेकिनकितनामहंगाइसकीसीमानहींहै।2018मेंपकड़ेगएथेपैसालेकरखूनदेनेवालेदोरक्तदाता,डा.अभय

यहदलालआपकोकिसीदूसरीपार्टीसेब्लडदिलाकरबीचमेंअपनाकमीशनभीबनालेतेहैं।11जून2018कोपैथोलाजीएवंब्लडबैंकविभागमेंपैसालेकरखूनदेनेवालेदोरक्तदातापकड़ेजानेकेबादहड़कंपमचगयाथा।दोनोंहीरक्तदाताजिलेकेनिवासीथे।चिकित्साविश्वविद्यालयमेंअधिकांशगंभीरमरीजऔरस्त्रीएवंप्रसूतिरोगविभागमेंगर्भवतीमहिलाएंआतीहैं,जिन्हेंखूनकीजरूरतहोतीहै।उनमरीजोंकेतीमारदारोंकोबड़ीहीपरेशानीसेगुजरनापड़ताहै।अगरएकब्लडकीबोतलचाहिएहोतीहैतोउसकेलिएकाफीभटकनापड़ताहै।कईबारडोनरमिलनेकेबादभीब्लडनहींमिलपाताहै।पहलेउसकेलिएडोनरकाब्लडसैंपलदेनाहोगा,फिरघंटोंबैठकरटेस्टकेलिएइंतजारकरनाहोगा।फिरडोनरकेबदलेमेंब्लडमिलनेकाइंतजारकरनापड़ताहै।हालांकि,डा.अभयप्रतापसिंहकेराजमेंरुपयेदेकरसबकुछसंभवथा।अबएसटीएफकीगिरफ्तमेंआनेकेबादबड़ेराजसामनेआसकतेहैं।अभीविश्वविद्यालयकेब्लडबैंकमेंखूनकेखेलमेंकईलोगोंकेशामिलहोनेकीआशंकाहै।ब्लडसेप्लाज्मानिकालनेकाखेलभीचलाथाब्लडसेप्लाज्मानिकालनेकाखेलभीपांचवर्षपहलेकियागयाथा।इससंबंधमेंएकनिजीकंपनीकोठेकादेदियागयाथा।कंपनीनेविश्वविद्यालयमेंडीपफ्रीजरलगाएथे।कंपनीमरीजोंकेखूनसेप्लाज्मालेतीथी।इसकोलेकरशिकायतभीकीगईथीकिसरकारीअस्पतालोंसेब्लडसेप्लाज्मानिकलवानेकाठेकानिजीकंपनीकोक्योंदियागया,लेकिनउसमेंकोईकार्रवाईनहींहुई।

By Edwards