मुंगेर।हमतोमजदूरहैंसाहब,हमारीदशादेखरहेहोन।जिसहाथनेप्रदेशमेंहजारोंमकानतैयारकिए,वहींमकानमालिकहमलोगोंकोलॉकडाउनकेबादघरसेनिकालनेपरतुलेथे।मजबूरीमेंघरकीओरनिकलपड़े।राहमेंकोईदेखनेवालानहीं,कोईपूछनेवालानहीं,बसघरकिसीतरहपहुंचजाएं,यहींबहुतहै..मुंबईसेसोमवारकोनिजीकिरानवाहनपरकिरायादेकरसफरकररहेमजदूरोंनेजैसेहीउक्तबातेंकहींतोएकबारगीचेकपोस्टपरमौजूदअधिकारीभीमजदूरोंकीपीड़ासुनभावुकहोउठे।यहकहानीमजदूरोंकीकिसीएकटोलीकीनहींहै।हेमजापुरचेकपोस्टपरजिलाकीसीमापरपहुंचतेहीमजदूरोंकेदर्दकुछइसीतरहसेफूटपड़तेहैं।ऐसेसैकड़ोंमजदूरबिनाकिसीसेबातकिए,थकेशरीरकेसाथउंघतेडगमगातेकदमोंकेसाथचलेजारहेहैं।मांकीगोदमेंमासूमऔरपिताकेकंधोंपरसमानोंकीभारी-भरकमपोटली।किसीतरहअपनेघरपहुंचनेकीजुगतमेंलगेहुएहैं।कोईबंगालसे,कोईमहाराष्ट्र,कोईयूपी,राजस्थान,मध्यप्रदेशसेचलेआरहेहैं।कोईदयावानसड़कोंपरमजदूरोंकोकेहाथोंमेंचंदबिस्कुटथमामजदूरोंकीकीमतीदुआएंभीलेतेनजरआरहेहैं।मुंगेर-लखीसरायबार्डरबाहाचौकीपरसोमवारकोआंध्रप्रदेशऔरजैसमलेरराजस्थानसेसोमवारकोनिजीवाहनसेभागलपुरजारहेप्रद्युम्नकुमार,अंकितसदा,विशालकुमारनेअपनेआंसूरोकतेहुएकहाकिहमपरदेशीहैं।बसइतनाहीकुसूरहैहमारा।राहमेंदुकानवालापैसेदेनेकेबादभीसमाननहींदेताहै।पहलेतोमालिकनेकिरायेकेघरसेनिकाला,अबकिसीतरहगांवपहुंचेंगेतोवहांभीअलगहीरहनाहोगा।मुंबईसेबाहाचौकीबार्डरपहुंचेकुणालवअंकितनेकहाकिआजशहरऔरगांवमेंफर्कदेखरहाहूं।मुझेलगरहाथाकिशहरवालेकुछदिनहमेंरूकनेभीकहेंगे,लेकिनजैसेहीलॉकडाउनकीघोषणाहुईमकानमालिकनेघरसेनिकलजानेकाफरमानजारीकरदिया।अबकिसीतरहगांवपहुंचजाउंगातोफिरलौटकरप्रदेशजानेकीबातसपनेमेंभीनहींसोचूंगा।