जबलपुर,जेएनएन।नवरात्रपर्वआतेहीदेवीमंदिरोंमेंतैयारीशुरूहोगईहै।दोअप्रैलसेयहपर्वपरभक्तअपनीआस्थाकीथाललेकरदरबारमेंपहुंचेंगे। यहांऐसेकईप्रसिद्धमंदिरहैंजहांनौदिनमातारानीकेदरबारमेंभक्तोंकामेलालगताहै।पर्वकेलिएमंदिरोंमेंतैयारीशुरूहोगईहै।मैहरकीमांशारदाकेदरबारमेंदेशभरकेश्रद्धालुआतेहैं।ऐसेमेंयहांआनेवालेभक्तोंकेलिएकईविशेषट्रेनोंकाविशेषठहरावभीतयकियाहै।इसीतरहअन्यशहरोंमेंभीभक्तोंकीव्यवस्थाकेलिएतैयारीशुरूहोगईहै।
शंकराचार्यस्वरूपानंदसरस्वतीमहाराजद्वारास्थापितमांराजराजेश्वरीमंदिरमेंचैत्रनवरात्रसेजुड़ीतैयारियांप्रारंभहोगईहैं।माताराजराजेश्वरीकेदर्शनकरनेहरसालयहांहजारोंकीसंख्यामेंश्रद्धालुहरसालपहुंचतेहैं।कोरोनामहामारीकेदोसालकेबादअबचैत्रनवरात्रकोभव्यतासेमनानेजिलेकेप्रत्येकदेवीमंदिरोंमेंतैयारीजोरशोरसेचलरहहै
मालूमहोकिमांशारदाकेदरबारमैहरमेंइसवर्ष15लाखश्रद्धालुओंकेपहुंचनेकीसंभावनाजताईजारहीहै।जिसेलेकरसतनाऔरमैहरजिलाप्रशासननेतैयारियांशुरूकरदीहैं।बतायाजारहाहैकिइसवर्षचैत्रनवरात्रकेपूरेनौदिनोंमें15लाखश्रद्धालुओंकेमैहरपहुंचकरमांशारदाकेदर्शनकरनेकीसंभावनाहै।मांशारदाकादरबारपूरेमध्यप्रदेशसहितदेशभरमेंविख्यातहै।जहांत्रिकुटपर्वतपरविराजितआदिशक्तिकारूपमांशारदाकेदर्शनकरनेलोग1063सीढियांचढ़करजातेहैं।जहांभक्तोंकीहरमन्नतपूरीहोतीहै।मंदिरतकपहुंचनेकेलिएसीढ़ियोंकेअलावावैनऔररोपवेसेभीजायाजासकताहै।सतनाजिलामुख्यालयसेमैहरकीदूरी35किलोमीटरहै।
मैहरमेंमांशारदाकेमंदिरकोचमत्कारकेरूपमेंभीजानाजाताहै।कहाजाताहैकिमांकेअनन्यभक्तआल्हाऊदलकोमांनेअमरत्वकावरदानदियाथाजिसकेबादसेआजतकमांकीपहलीपूजाआल्हाहीकरतेहैं।आजभीसुबहपुजारीजबमांकेदरबारकातालाखोलतेहैंतोवहांफूलचढ़ाहुआमिलताहै।कईबारमंदिरकीघंटियांअपनेआपबजतीसुनाईदेतीहैं।त्रिकुटपर्वतकेनीचेअल्हादेवकामंदिरऔरअखाड़ाभीबनाहै।माईकेहारकेनामपरपड़ामैहरकानाममैहरनगरीकानाममांशारदाकेनामपरहीपड़ाहै।बतायाजाताहैकिइसस्थानपरमातासतीकागलेकाहारगिराथाजिसकेबादइसनगरीकानाममाईकेहारपरमैहरपड़ाऔरयहमाताके52शक्तिपीठोंमेंसेएकहै।