जागरणसंवाददाता,हल्द्वानी:नॉनक्लीनिकलसीटोंपरडाक्टरप्रवेशनहींलेनाचाहतेहैं।यहीकारणहैकिराजकीयमेडिकलकालेजहल्द्वानीमेंहरवर्षनॉनक्लीनिकलकीसीटेंखालीरहजातीहैं।इसबारभीनौसीटोंमेंकिसीभीडाक्टरनेप्रवेशनहींलिया।
मेडिकलकालेजमेंएमडीवएमएसकीकुल65सीटेंहैं।दोबारकीकाउंसलिंगकेबाद56सीटोंमेंप्रवेशहोचुकाहै।इसमेंसर्जरी,मेडिसिन,ईएनटी,स्त्रीएवंप्रसूतिरोगविभाग,चर्मरोग,मानसिकरोगआदिक्लीनिकलविभागशामिलहैं।वहीं,नॉनक्लीनिकलविभागोंमेंफॉरेंसिकमेंतीन,एनाटॉमीमेंचारऔरकम्युनिटीमेडिसिनवफार्माकोलॉजीविभागमेंएक-एकसीटरिक्तरहगईहै।
शुल्ककमकरनेकाआदेशदेरसेपहुंचा
मेडिकलकालेजमेंपीजीकरनेकेलिएचारलाखरुपयेसेअधिकशुल्कभुगतानकरनापड़ताथा।नॉनक्लीनिकलसीटोंकेलिएविद्यार्थीइतनाअधिकशुल्कनहींचुकानाचाहतेहैं।हालांकिसरकारनेअबइसशुल्ककोएकलाखरुपयेप्रतिवर्षकरदियाहै,लेकिनतबतकविद्यार्थीकहींऔरप्रवेशलेचुकेथे।इसलिएभीसीटेंखालीरहगई।
मेडिकलकालेजकेप्राचार्यप्रो.सीपीभैंसोड़ानेबतायाकिक्लीनिकलसीटोंपरतमामविकल्पमिलजातेहैं।सरकारीकेसाथहीप्राइवेटप्रैक्टिसकरसकतेहैं,लेकिननॉनक्लीनिकलविभागोंसेप्राप्तडिग्रीमेडिकलकॉलेजोंकेलिएहोतीहै।इसलिएभीयहसीटेंविद्यार्थियोंकीप्राथमिकतामेंनहींरहताहै।
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