कानपुर,जेएनएन।पद्मश्रीसेसम्मानितहुईंडॉऊषायादवनेअपनेपिताकीविरासतकोसंभालाऔरफलकतकपहुंचीं।उनकाबचपनशहरमेंहीबीता,स्कूलऔरकॉलेजकीपढ़ाईभीयहींहुई।कानपुरविश्वविद्यालय(अबछत्रपतिशाहूजीमहाराजविश्वविद्यालय)सेपीएचडीकरनेकेसाथहीसाहित्यिकमाहौलवालेशहरनेउन्हेंसबकुछसिखाया।वहकहतीहैं,यहांकासाहित्यिकवातावरणलेखनमेंधारलाताहै।लोगोंकीबोलचालकीभाषामेंभीमुहावरेऔरलोकोक्तियांरहतीहैं।उसकाफायदाउन्हेंभीमिला।
अधिवक्तापिताकेकिताबोंकेसंग्रहनेबनायासाहित्यकार
हिंदीसाहित्यकारवलेखिकाडॉ.उषायादवनेदैनिकजागरणसेबातचीतमेंबतायाकिउनकेपिताचंद्रपालसिंहमयंकबालसाहित्यकारथे।वहअधिवक्ताभीरहे।उनकीबहुतसीकिताबेंऔरकहानीसंग्रहप्रकाशितहुए।वहन्यायिकक्षेत्रसेजुड़ेहोनेकीवजहसेउनकोजजबनानाचाहतेथे,लेकिनउनकीरुचिहमेशासेशिक्षणऔरलेखनमेंरही।डॉ.ऊषाकेमुताबिक,उनकीपहलीकविताजबवहकक्षानौमेंथीं,तबस्कूलकीमैग्जीनमेंछपी।उसदिनकेबादसेकभीपीछेमुड़करनहींदेखा।बससाहित्यऔरकहानियोंकीरचनाओंकीओरबढ़तीगईं।
आगराविविसेडिलीटकरकेशुरूकियापढ़ाना
आगराविश्वविद्यालयसेडीलिटकियाऔरफिरवहींकेएकशिक्षणसंस्थानमेंपढ़ानाशुरूकरदिया।इसकेबादडॉ.भीमरावआंबेडकरविश्वविद्यालय,आगरामेंनियुक्तिहुईऔरवहींसेप्रोफेसरकेपदसेसेवानिवृतहुईं।आगरामेंहीपतिडॉ.राजकिशोरसिंहऔरअन्यपरिजनोंसंगरहरहीहैं।डॉ.राजकिशोरसिंहस्वयंकॉलेजसेरिटायर्डप्रोफेसरहैं।वहउत्तरप्रदेशउच्चशिक्षासेवाआयोगकेपूर्वसदस्यभीरहचुकेहैं।
महिलाओंऔरबच्चोंपरसाहित्यवकहानियां
डॉ.उषाबतातीहैंकिउनकेसाहित्यऔरकहानीसंग्रहमहिलाओं,बच्चोंऔरवरिष्ठनागरिकोंकेऊपरहोतेहैं।उन्होंनेसौसेअधिकपुस्तकेंइन्हींपरलिखीहैं।वर्तमानमेंबच्चोंकाबचपनसंकटग्रस्तहै।बच्चाअगरअच्छेखासेघरकाहैतोउसकेपाससबकुछहै,सिवायमाता-पिताकेसमयके।वहअकेलाऔरउदासरहताहै।मध्यमवर्गीयपरिवारकेबच्चोंपरमाता-पिताकीआशाओंकादबावहै।उनपरहमेशाथोपाजाताहैकिउन्हेंयहकरनाहै,वहनहींकरनाहै।निर्धनवर्गकेबच्चेपररोटीऔरपेटभरनेकासंकटहै।उसकाबचपनउसीकीपूर्तिमेंबीतताचलाजाताहै।इसीतरहमहिलाओंऔरबच्चियोंपरअसुरक्षाकीभावनाबढ़तीजारहीहै।वहबाहरनिकलनेमेंसुरक्षितमहसूसनहींकरतीहैं।
मंचकेलिएकभीबाहरनहींगईं
डॉ.उषाकेमुताबिक,वहमंचकेलिएकभीबाहरनहींगईं।उन्हेंलेखनऔरसाहित्यसृजनहीपसंदहै।आगरामेंजरूरकविगोष्ठियोंमेंशामिलहोतीरहतीहूं।वहांकविताओंकीप्रस्तुतिभीदीहै।
कानपुरसेगहरालगाव
उन्होंनेबतायाकिकानपुरसेगहरालगावहै।हमेशाआना-जानारहताहै।उनकेकईरिश्तेदारयहांपररहतेहैं।शहरमेंपहलेकेमुकाबलेबहुतकुछबदलगयाहै।आने-जानेसेस्मृतियांताजाहोजातीहैं।
पहलेभीकईपुरस्कारमिले