लेस्लीगंज:भगवानकोपानेकेलिएउम्रकीकोईसीमानहींहोतीहै।भगवानभावकेभूखेहोतेहैं।भावसेभगवानकोभजेंगेतोवहजरूरमिलेंगे।ध्रुवने17वर्षकीअवस्थामेंहीभगवानकोप्राप्तकरलियाथा।उक्तबातेंवृंदावनसेआएश्रीमद्भागवतकथाव्यासअनुरागकृष्णजीमहाराजनेकही।वेसोमवारकीरातलेस्लीगंजमेंआयोजितश्रीरामचरितमानसनवाह्नपारायणपाठमहायज्ञकेप्रवचनदेरहेथे।उन्होंनेकहाकिभगवानकोप्रेमकीडोरसेबांधाजासकताहै।मैयायशोदानेरस्सीसेभगवानकोबांधनाचाहिए,परवेकहांबंधेथे।भगवानकेविराटरूपकाचर्चाकरतेहुएउन्होंनेकहाकिएकमनुष्यमें3.5करोड़रोमहोतेहैंऔरभगवानकीएकरोममेंकरोड़ोंकरोड़ोंब्रह्मांडहोतेहैं।इससेअंदाजालगायाजासकताहैकिभगवानकेविराटरूपकेसामनेहमसबप्राणीएकसूक्ष्मआत्माहै।मौकेपरकथाकेक्रममेंभगवानकेनरसिंहअवतारकाझांकीप्रस्तुतकीगई।झांकीकेमाध्यमसेप्रहलादकाभगवानकेप्रतिभक्तिएवंनरसिंहभगवानकेद्वाराहिरण्यकशिपुकेसंघारकोदिखायागया।जिसेदेखलोगकाफीप्रभावितहुए।

By Doyle