जागरणसंवाददाता,फीरोजाबाद:परिवारकापेटभरनेकोगांव-गांवबर्तनोंकीफेरीलगातेथे।घरकच्चाथा,मगरमुहल्लेकोप्यासादेखअपनीदिक्कतभूलगए।जैसे-तैसेरुपयेजुटाकरएकसबमर्सिबलपंपलगवाया।पूरामुहल्लाइसीसबमर्सिबलपंपसेपानीभरताहै।
नारखीब्लॉककेगांवगढ़ीश्रीराममेंएकग्रामीणनेऐसीहीमिसालपेशकीहै।कहनेकोतोगांवमेंपानीकीटंकीभीहै,मगरअबतकइससेगांवकेलोगोंकोएकबूंदपानीनहींमिलपाया।एकओरजबलोगपेयजलकोबेचरहेहैं,तबगांवकेरमेशचंद्रगुप्तानेजलदानकीमिसालपेशकीथी।45वर्षकीआयुपूरीकरचुकेरमेशचंद्रगुप्तागांव-गांवफेरीलगाकरबर्तनबेचतेहैं।उनकाघरमिट्टीकीकच्चीदीवारोंसेबनाहै।एककमरालकड़ीऔरटिनकीछतसेपटाहै,तोआंगनमेंपन्नीडालरखीहै।घरकेपासहीलकड़ीकेखोखेमेंपत्नीपरचूनकीदुकानचलातीहै।
गढ़ीश्रीराममेंपानीकाकाफीसंकटहै।कईसालपहलेटंकीबनी,लेकिनजलापूर्तिआजतकशुरूनहींहोसकीहै।गांवमेंअधिकांशहैंडपंपभीखराबपड़ेहैं।छहसालपहलेतकबूंद-बूंदपानीकेलिएग्रामीणदूरतककीदौड़लगातेथे।बच्चे,महिलाऔरपुरुषोंकाकाफीसमयपानीजुटानेमेंहीखर्चहोताथा।गांवकीइससमस्याकोदेखतेहुएरमेशनेसबमर्सिबलपंपलगानेकीठानली।इसकेलिएउन्होंनेअपनीमजदूरीसेपैसेबचाकरजैसे-तैसे40हजाररुपयेजमाकिए।उससेसबमर्सिबलपंपलगवाया।बिजलीकाकनेक्शनभीअपनेपैसेसेलिया।अबवह30से40परिवारोंकोप्रतिदिनमुफ्तमेंपानीदेतेहैं।यहसिलसिलाछहसालसेनिरंतरचलरहाहै।
सुबहहोतेहीबिजलीहोनेपरवहसबमर्सिबलपंपचलातेहैंऔरपड़ोसियोंकोआवाजलगाकरबुलालेतेहैं।शामकोभीयहीहोताहै।किसीकोजरूरतहोतीहै,तोदोपहर-रातमेंभीतैयाररहतेहैं।उनकेइसजलदानअभियानमेंउनकापूरापरिवारभीसाथदेताहै।रमेशकिसीसेबिजलीकेबिलकाखर्चभीनहींमांगतेहैं।
'गांवमेंपानीकाकोईइंतजामनहींथा,तोहमनेसबमर्सिबलपंपलगवापानीबांटनाशुरूकरदिया।भगवानभीअच्छेकाममेंसाथदेताहै।छहसालमेंसबमर्सिबलपंपएकबारभीखराबनहींहुआहै।'
-रमेशचंद्रगुप्ता
'हमछहसालसेरमेशकेसबमर्सिबलपंपसेहीपानीभररहेहैं।वहकिसीसेपानीकीमनानहींकरते।वहतोआवाजलगाकरबुलातेहैं।पूरामुहल्लाउनकाअहसानमानताहै।'
'गांवमेंपानीकीबहुतकमीहै।यदिरमेशचंद्रनहों,तोहमेंहैंडपंपसेपानीभरनेकेलिएएककिलोमीटरदूरजानापड़ेगा।वहसभीकोनिश्शुल्कजलउपलब्धकरारहेहैं।'