कानपुर,[शिवाअवस्थी]।चित्रकूटमेंराष्ट्रऋषिभारतरत्नस्वर्गीयनानाजीदेशमुखनेग्रामीणविकासकाऐसामॉडलतैयारकिया,जिसेदेशकेहरकोनेमेंसराहनामिली।तत्कालीनराष्ट्रपतिएपीजेअब्दुलकलामऔरभारतरत्नपूर्वप्रधानमंत्रीअटलविहारवाजपेयीभीमुक्तकंठसेउनकीतारीफकरतेनहींथकेथे।इसमेंअहमरोलरहासमाजशिल्पीदंपतियोंका,जोअभीतकअपनीसेवाएंदेरहेहैं।इनकेप्रयासोंसे512गांवोंमेंबेहतरीआईहै।इनकाफोकसकिसानों,खेती,शिक्षा,सफाईऔरस्वास्थ्यपरहै।इनकीजनजागरूकताकीअलखसेउत्तरप्रदेशऔरमध्यप्रदेशक्षेत्रकेतमामगांवोंतककोरोनानहींपहुंचसका,जिसकीखूबसराहनाहुईथी।
पांचसालकेलिएगोदलेतेगांव
नानाजीनेवर्ष1994मेंसमाजशिल्पीदंपतीअभियानकीशुरुआतकीथी।पहलीबार40दंपतीअलग-अलगगांवोंमेंभेजेगए।इनमेंभरतपाठकऔरउनकीपत्नीनंदितापाठकजैसेनामभीशामिलथे।उनकाकामखूबसराहागया।भरतबादमेंडीआरआइकेसंगठनसचिवभीबने,जिससेऔरबेहतरीआई।नंदिताअबगंगासमग्रकीदिल्लीप्रांतकीसंयोजकहैं।
वर्तमानमेंडीआरआइकेसंगठनसचिवअभयमहाजनहैं,जोलगातारअच्छाकररहेहैं।दीनदयालशोधसंस्थान(डीआरआइ)केप्रधानसचिवअतुलजैनबतातेहैंकिशुरुआतमें40दंपतीथे।वर्तमानमें22दंपतीअलग-अलगगांवोंमेंहैं।एकदंपतीकोपांचसालकेलिएपांच-पांचगांवगोददिएजातेहैं।पतिपुरुषोंकीसमस्याओंकेसाथखेती-बाड़ीसेसंबंधितजानकारीदेतेहैं,जबकिपत्नीमहिलाओंकीसमस्याओंकासमाधानकरतीहैं।स्नातकदंपतीहीचुनेजातेहैं।
वनवासीऔरकोलआदिवासीगांव
केंद्रमेंडीआरआइकेज्यादातरप्रकल्पकामुख्यकेंद्रउत्तरप्रदेशवमध्यप्रदेशक्षेत्रकेवनवासीवकोलआदिवासीगांवहैं।इनमेंकोलआदिवासियोंकाजीवनस्तरऊंचाउठाहै।वहांविकासकार्यभीहुएहैं।
येभीहैंडीआरआइकेप्रकल्प
महात्मागांधीचित्रकूटग्रामोदयविश्वविद्यालयसतना,सुरेंद्रपालग्रामोदयविद्यालय,उद्यमिताविद्यापीठ,आरोग्यधाम,रसशाला,तुलसीकृषिविज्ञानकेंद्रगनीवांवमझगंवा,गोवंशविकासएवंअनुसंधानकेंद्र,दिशादर्शनकेंद्र,रामदर्शन,नन्हीदुनिया,गुरुकुलस्कूल,कृष्णादेवीवनवासीबालिकाआवासीयविद्यालय,मझगंवा,परमानंदआश्रमपद्धतिविद्यालयगनीवां,जनशिक्षणसंस्थानगनीवां,नानाजीश्रद्धाकेंद्र।
एकनजरमेंसमाजशिल्पीयोजना
चित्रकूटकेगांव:512
पूर्वमेंशिल्पीदंपती:40
वर्तमानमेंसंख्या:22
नानाजीदेशमुखजन्म:11अक्टूबर1916