जागरणसंवाददाता,ज्ञानपुर(भदोही):सेवासेबढ़करदुनियामेंकोईपुनीतकार्यनहींहै।सेवाकापरिणामसुखदहोताहै।इन्हींपंक्तियोंकोमनऔरमस्तिष्कमेंठानकरडा.शांतिआनंदजबआगेबढ़ींतोफिरपीछेमुड़करनहींदेखा।अवसादसेग्रस्तलोगोंकेजीवनमेंउनकेटिप्ससेखुशीछलकरहीहै।आत्मदाहकरनेतककीबातसोचरहेलोगभीएकबारशांतिसेमिलगएतोउनकाविचारबदलनेमेंमहजपलभरकासमयलगा।अबतकवह2500लोगोंकोअपनेटिप्ससेस्वस्थकरचुकीहैं।बसजानकारीमिलजाएतोवहपीड़ितकेघरतकसेवाकरनेकेलिएपहुंचजातीहैं।

मनोचिकित्सकडा.शांतिआनंदनेवर्ष2003मेंनिश्शुल्कउपचारकरनेकेसाथअन्यसमस्याओंकासेवाभावसेसंकल्पलेनेकेबादकभीपीछेमुड़करनहींदेखा।वहबचपनसेहीबेसहाराऔरगरीबोंकेमददमेंजुटीरहतीथीं।इसकेलिएउन्होंनेसबसेपहलेकठिनपरिश्रमकरउच्चशिक्षाग्रहणकी।मनोविज्ञानएवंसमाजकार्यमेंउच्चशिक्षाग्रहणकरनेकेबादवहवर्ष2003मेंसामंजस्यसंस्थाकीस्थापनाकी।संस्थाकीओरसेमानसिकस्वास्थ्यपरामर्शकेंद्रपरमरीजोंकोनिश्शुल्कपरामर्शवउपचारकरनाशुरूकिया।अबतककरीब2500लोगोंकामानसिकउपचारकरस्वस्थकरचुकीहैं।बतायाकिअक्सरलोगोंकोतनावमेंहोनेकेकारणसमाजमेंइनदिनोंघरेलूहिसाबढ़गयाहै।मानसिकतनावसेमुक्तिदिलानेकेलिएसंस्थाकीओरसेनिश्शुल्कपरामर्शकेंद्रखोलेगएहैं।इसपरामर्शकेमाध्यमसेलोगोंकोजागरूककरघरेलूहिसापरअंकुशलगानेकीपूरीकोशिशमेंजुटीरहतीहैं।इसकार्यसेकईसंस्थाओंकीओरसेउन्हेंसम्मानितभीकियाजाचुकाहै।

By Dunn