इल्तिफातगंज(अंबेडकरनगर):

घरपरपर्याप्तखेतीबाड़ीभीनहींहै,नहीइतनीपूंजीकीकोईरोजगारकरसके।इसकेचलतेअपनागांवछोड़बचपनमेंहीशहरचलेगएथे।अपनेहाथकीकलासेकोईकारखानोंमेंकामतोकोईठेलालगाकरअपनाजीविकोपार्जनमेंमशगूलथे।कोरोनामहामारीसेशहरमेंलाकडॉउनहुआऔरकारखानेबंदहोगए।दोवक्तकीरोटीकेलालेपड़गएतोगांवलौटनापड़ा।यहांआकरहौसलेंबुलंदहैं।शहरमेंसीखीकलासेगांवमेंस्वरोजगारचमकारहेहैं।

केसएक:टांडाविकासखंडकेवीरसिंहपुरनिवासीरामूलुधियानाकेदशमेशनगरमेंसिलाईमशीनकेकारखानेमेंनौकरीकरतेथे।करीब15हजाररुपयेप्रतिमाहमिलताथा।लॉकडाउनमेंकंपनीबंदगईऔरवापसगांवआनापड़ा।अबगांवकेबाहरसड़कपरठेलालगामोमोजबेचतेहैं।

केसदो:बसंतपुरनिवासीरितेशसिंहवरामसूरतचौहानमहाराष्ट्रकेमुंबईशहरकेसायनकीटाइल्सकंपनीमेंनौकरीकरतेथे।करीब20हजाररुपयेप्रतिमाहआमदनीहोतीथी।महामारीमेंकामबंदहुआतोघरपहुंचनाहीसुरक्षितसमझा।यहांमनरेगावदिहाड़ीमजदूरीसेजीविकाकाजुगाड़करतेहैं।

केसतीन:बैरामपुरनिवासीसचिनकुमारपंजाबमेंपाइपफैक्ट्रीमेंकामकरतेथे।करीब10-12हजाररुपयेमिलतेथे।लॉकडाउनमेंकामबंदहोगया।मजबूरीमेंगांवआकरदिहाड़ीमजदूरीकेभरोसेरोजी-रोटीचलरहीहै।

गांवलौटेकारीगरोंवमजदूरोंकीसूचीतैयारकराईजारहीहै।क्षेत्रीयप्रवासियोंकोउनकीक्षमताकेअनुसारकामदिलानेकीकवायदचलरहीहै।

उपजिलाधिकारी,टांडा

By Farrell