सगालीम:शिक्षाकेसाथबच्चोंमेंसंस्कारहोनाजरूरीहै।इससेबच्चोंकाभविष्यउज्जवलहोगा।शिक्षकोंकोभीबच्चोंकीशिक्षापरध्यानदेनेकीजरूरतहै।बच्चेहीकलदेशकाभविष्यहैं।उक्तबातेंस्थानीयसनशाइनपब्लिकस्कूलकेनिदेशकराजेशकुमारनेकही।वेगुरुवारकोपुस्तकवितरणसमारोहमेंबोलरहेथे।मौकेपरस्कूलकेबच्चोंकोबुकेदेकरसम्मानितकियागया।राजेशकुमारनेकहाकिअसहायविद्यार्थियोंकेलिएसनशाइनपब्लिकस्कूलवरदानसाबितहोरहाहै।स्कूलमेंअसहायविद्यार्थियोंकोनिशुल्कनामांकनकेसाथपढ़ाईकीविशेषव्यवस्थाकीगईहै।बच्चोंकोबेहतरशिक्षादेनाहीस्कूलकामूलमंत्रहै।स्कूलकेप्राचार्यआईआलमनेकहाकिस्कूलमेंबच्चोंकोसंस्कारयुक्तशिक्षादीजातीहै।उन्होंनेअभिभावकोंकोबच्चोंकेबेहतरशिक्षापरविशेषख्यालरखनेकीअपीलकी।मौकेपरशिक्षकरविकुमारविश्वकर्मा,शिक्षिकाललिताकुमारी,कलिताकुमारी,पुष्पाकुमारी,अर्चनाकुमारी,स्कूलकेबच्चेआशीषकुमार,अंजलीकुमारी,समीपरवीन,तृषाकुमारीआदिशामिलथे।