बलरामपुर:51सिद्धशक्तिपीठोंमेंशुमारदेवीपाटनमंदिरस्थितमांपाटेश्वरीदेवीकीपूजापद्धतिअछ्वुतहै।मंदिरमेंदूरदराजसेसिद्धिहासिलकरनेकेलिएआनेवालेतांत्रिकदेवीकीकठिनउपासनाकरतेहैं।नौदिनतकबिनाअन्न,जलग्रहणकिएदेवीकीशक्तिपानेकोआसनजमाएरहतेहैं।यहीनहीं,शक्तिपीठपरआनेवालेश्रद्धालुओंकोभीयहांअलौकिकशक्तिकीअनुभूतिहोतीहै।मंदिरमेंतीन-तीनघंटेकीदोपलियोंमेंप्रतिदिनकठिनसाधनाकीजातीहै।पुजारीआंखवमुंहपरपट्टीबांधकरमंदिरकेकपाटबंदकरलेतेहैं।इसकेबादएकहाथसेघंटीवदूसरेहाथसेआरतीउतारतेहैं।अंदरपुजारीद्वाराघंटीबजानेकीधुनपरगर्भगृहकेबाहरभारी-भरकमनगाड़ेवघंटेबजतेहैं।मांकीपूजाअलौकिकवअद्वितीयहै।शक्तिपीठदेवीपाटनमंदिरकीपूजादेशकेविभिन्नदेवीमंदिरोंकीउपासनामेंसबसेकठिनतमपूजाहै।अर्धरात्रिकेदूसरेपहरएकसेचारबजेतककापूजाकासमयनिश्चितहै।जिसकासमयकभीनहींबदलताहै।गोरक्षनाथमठकेअधीनइसमंदिरकीपूजानाथसंप्रदायकेहाथोंमेंहै।इसलिएआदिशक्तिकीपूजासबसेपहलेदेवीपाटनमंदिरमेंस्थितअखंडधूनासेशुरूहोतीहै।पुजारीएकहाथमेंसामग्रीवदूसरेहाथमेंघंटीलेकरमंदिरकेगर्भगृहमेंप्रवेशकरताहै।पुजारीकीआंखऔरमुंहकपड़ेसेढकारहताहै।गर्भगृहमेंजाकरमंदिरकापटबंदकरलेताहै।इसकेबादसाधनाशुरूहोतीहै।बाहरबड़े-बड़ेघंटेऔरनगाड़ेबजाएजातेहैं।हर20मिनटपरनगाड़ेकीधुनबदलतीरहतीहै।गर्भगृहमेंस्थितचबूतरेकीमान्यताहैकियहसुरंगपातालतकजातीहै।मान्यताहैकिदेवीसतीकावामस्कंधयहींगिराथा।तबसेयहस्थानशक्तिपीठकेरूपमेंप्रसिद्धहै।महंतमिथिलेशनाथयोगीकाकहनाहैकिइसशक्तिपीठमेंयोगियोंद्वाराकीजानेवालीपूजापद्धतिअत्यंतदुर्लभहै।यहांकीपूजासामान्यनहींहै।इसीलिएयहसिद्धशक्तिपीठहै।