आयुषगंगवार,गाजियाबाद:सिहानीगांवकीझुग्गियोंमेंभीषणआगनेचंदमिनटोंमेंहीएकहजारझुग्गियोंकोअपनीचपेटमेंलेकरराखकरदिया।आगबुझनेकेबादसभीअपनीझुग्गीकीजगहतलाशकरवहांपहुंचे।सभीघंटोंराखखंगालतेरहे।मगरवहांलोहेकेअवशेषऔरकुछसिक्कोंकेअलावाकुछभीनहींबचाथा।
अधिकांशकेनहींहैंबैंकखाते
असमसेयहांआकरकबाड़काकामकरनेवालेइनहजारोंपरिवारोंमेंसेअधिकांशकेबैंकखातेनहींहैं।कबाड़सेजोजमापूंजीइकट्ठीहोतीहै,उसेझुग्गीमेंहीरखतेहैं।यहीवजहहैकिआगनेइनपरिवारोंकोपूरीतरहउजाड़दियाहै।किसीके80हजाररुपयेजलगएतोकिसीकेगल्लेमेंसिक्केहीबचेथे।कुछलोगअपनीझुग्गीकीराखसेतारइकट्ठीवलोहेकासामानइकट्ठाकररहेथेतोकइयोंकेनसीबमेंसिर्फराखहीबचीथी।
तेजहवानेभड़काईआग
कबाड़बीनकरजीवनयापनकरनेवालेपालीथिन,प्लास्टिकवथर्माकोलसेझुग्गीबनातेहैं।बीनेगएकबाड़मेंप्लास्टिककीबोतलें,पॉलीथिन,तारसभीअतिज्वलनशीलहोतेहैं।यहीवजहथीकिआगलगतेहीफैलगईऔरतेजहवानेइसेऔरभड़कादिया।झुग्गीवालोंनेइसेबुझानेकीलाखकोशिशकी,लेकिनलगातारफटरहेएलपीजीसिलेंडरसेआगकादायराबढ़ताहीगया।
हमकबाड़बीनकरउसेअलग-अलगकरबेचतेहैं।इससेपरिवारकागुजाराचलजाताहै।आगलगनेकेसमयबाहरथे।लौटेतोसिर्फतबाहीकामंजरहीमिला।
मैंकबाड़खरीदकरबड़ीमात्रामेंव्यापारियोंकोबेचताहूं।गोदाममेंदोदिनकीबिक्रीकेकरीब80हजाररुपयेरखेथे।सभीजलगए,सिर्फराखऔरधुआंहीबचाहै।
मैंमाता-पितावभाईकेसाथरहताहूं।हमारीझुग्गीभीजलकरराखहोगई।गनीमतथीकितीनदिनपहलेहीहमनेकबाड़बेचकररुपयेबैंकमेंजमाकरादिएथे।
झुग्गियोंमेंआगहमेशातेजीसेफैलतीहै,क्योंकियहांसभीचीजेंज्वलनशीलहोतीहैं।यहांआगचारोतरफसेलगीथी,लेकिनएकहीरास्ताहोनेकेचलतेबुझानेमेंकाफीसमयलगा।
-सुशीलकुमार,एफएसओ,कोतवाली।