संवादसूत्र,कहलगांव(भागलपुर)।रामकथाकेनौवेंदिनपद्मविभूषणरामभद्राचार्यनेकहाकिकहलगांवमेंअष्टावक्रमंदिरकाशिलान्यासहोगयाहै।इसकेनिर्माणकेलिएतुलसीपीठद्वाराएकलाखरुपयेदानस्वरूपदियेगए।आगेउन्होंनेकहाकिलोगोंकोमांसाहारकात्यागकरनाचाहिए।सभीघरोंमेंतुलसीजीकापौधाऔरदेसीगायजरूरहोनाचाहिए।उन्होंनेकहाकिअगलेवर्ष27अप्रैलसे5मईतककहलगांव(जिला-भागलपुर)मेंरहेंगे।

उन्होंनेकथारंभकरतेहुएकहाकियुद्धमेंमेघनादनेआकरआठवीरोंकोललकाराताकिवहइनकीउपस्थितिमेंविभीषणकावधकरसके।लेकिनजब-जबमेघनादनेविभीषणपरप्रहारकियाउसप्रहारकोलक्ष्मणजीनेअपनेऊपरलेलिया।जबशक्तिकाप्रहारकियावहभीअपनीछातीपरलेलियाताकिरामजीकीर्तिकमनहो।भरतजीराज्यकात्यागकररहेहैं।यहांतोप्राणकाहीत्यागकरदिया।लक्ष्मणजीमूर्छितहोगये।

जबजीवात्मासंसारकेप्रपंचमेंपड़करमूर्छितहोजाताहैतबमहात्माहीजीवात्माकोपरमात्मासेमिलातेहैं।मेघनादकोइससेखुशीनहींहुईक्योंकिवहमारनातोविभीषणकोचाहरहाथा।इसघटनानेसबकोदुखीकिया।सभीमौनहैं।वानरभीमौनहैं।

रामरावणयुद्धतोहुआलेकिनकभीरावणनेनिशानासाधरामजीपरतीरनहींचलाया।तेजधूपदेखरावणनेअपनेबाणोंसेरामजीकेरथकोढकदिया।तबश्रीरामनेकहाकहाकिरावणतुमनेहमेंबाणोंकीछायादीहैमैंतुम्हेंनिर्वाणदूंगा।रावणभीरामसेबहुतप्रेमकरताथा।राजीवलोचनरामजीविलापकररहेहैंकिमैंनेअपनेप्राणोंसेप्रियभाईकोखोदिया।तबजामवंतजीनेकहाक्याहनुमानजीमरगये।

जामवंतजीनेकहाकिलंकामेंसुसेननामकवैद्यहैं।जामवंतजीसुसेनजीरामजीकेननिहालकेहैं,अत:वहविश्वासघातनहींकरेंगे।सुसेनजीकोबुलायागया।सुसेनजीनेकहाकिऔषधिहिमालयमेंहीक्योंमिलेगी।औषधितोरामभक्तिमेंहै।आजकलकईलोगप्रवचनकेनामपरविदेशीसंस्कृतिकाप्रचारकररहेहैं।

हनुमानजीऔषधिकापहाड़उठाकरचले।जबवहअयोध्याकेऊपरगुजररहेथेतोभरतजीनेकोलगाकिकोईमायाहै।भरतजीनेहनुमानजीकेसिरपरबाणचलादिया।हनुमानजीमूर्छितहोगिरपड़े।लेकिनरामकानामसुनभरतजीउनकेपासआये।भरतजीनेकहाकिआपमेरेबाणपरसवारहोजायेंमैंआपकोरामजीतकपहुंचादूंगा।लेकिनहनुमानजीइसपरतैयारनहींहुए।एकतरफरामकीगोदमेंलक्ष्मणतोदूसरीतरफहनुमानजीभरतजीकेगोदमेंमूर्छितपड़ेहैं।आधीरातबीतचुकीहै।यहीरामचरितमानसकीसुंदरताहै।

By Dunn