शामली,जागरणटीम।महज40सालपहलेतकतालाबपेयजलकासंसाधनहुआकरतेथे,लेकिनआजअधिकतरगांवोंमेंतालाबोंपरदबंगोंकाकब्जाहै।हरगांवमेंप्राकृतिकतालाबहोनाईश्वरकीअमूल्यदेनथी।यायूंकहेंकिजहांतालाबथेगांवभीवहींबसे।परियोजनानिदेशकज्ञानेश्वरतिवारीबतातेहैंकिशामलीजिलेकेपांचब्लाककांधला,कैराना,शामली,थानाभवनऔरऊनडार्कजोनमेंहैं।वहीं,कांधलाब्लाकअतिदोहितब्लाककीश्रेणमेंआगयाहै।
विज्ञानकाविकासहुआतोयहप्रकृतिकेलिएकुछविनाशभीलेकरआया।पहलेछोटीमशीनवालेहैंडपंपोंसेमहज20-30फुटपरभीजलधारानिकलआतीथी,लेकिनआजहालातयहहोगएहैंकि100फुटतकसबमर्सिबलकरानापड़रहाहै।इससेभीभू-गर्भजलस्तरनिरंतरघटतारहाहै।
पाइपलगाकरधोतेहैंकारऔरनहलातेहैंपशु
आजजलकादुरुपयोगइतनाबढ़गयाहैकिजिसकारकोव्यवस्थितढंगसेधोनेपरएक-दोबाल्टीपानीमेंकामचलजाताथा।उसकेलिएपानीकीबेतहाशाबर्बादीहोतीहै।गांवोंमेंकुछलोगपशुओंकोनहलानेकेलिएसमबर्सिबलकामुंहखुलाछोड़देतेहैं।हालांकिदेशमेंकईएनजीओऔरसरकारीस्तरसेभीजलबचानेकेलिएप्रयासकिएजारहेहैं।
बुंदेलखंड,महाराष्ट्रऔरशिमलासेनहींलियासबक
एककहावतहैबुंदेलखंडमेंगगरियानाफूटेराम,चाहेखसममारिजाए।बुंदेलखंडकीमहिलाओंकीपीड़ाइसकहावतसेबखूबीसमझीजासकतीहै,जिन्हेंपीनेकेलिएभीरोजाना10-15किमीपैदलतकचलनापड़ताहै।पिछलेकुछवर्षोंसेमहाराष्ट्रमेंपेयजलकीसमस्याअंतरराष्ट्रीयसुर्खियांरहीहैं।यहांतककिदेशकोपानीउपलब्धकरानेवालाहिमालयखुदपानीकेलिएमोहताजहोगयाथा।दोसालपहलेहिमाचलप्रदेशकीराजधानीशिमलामेंआएजलसंकटकोभलाकौनभूलसकताहै।
यूंतोजलबचानेकेलिएतमामजागरूकताअभियानवर्षोंसेचलरहेहैं,लेकिनगांवोंमेंतालाबकाअस्तित्वबचाएबगैरजलसंरक्षणकीकल्पनाकरनाबेमानीहोगी।तालाबोंमेंबारिशकापानीएकत्रहोताथा,होभूगर्भजलस्तरकोबनाएरखताथा।यहसरकारऔरआमआदमीदोनोंकीजिम्मेदारीहै।