वाइल्डलाइफइंस्टीट्यूटऑफइंडियाकीटीमकाआकलनहैकिबीकानेरकावातावरणप्रवासीपक्षियोंकेलिएबेहतरहै।वेखुदकोयहांसुरक्षितमहसूसकरतेहैंऔरभोजनभीप्रचुरमात्रामेंहै।इसलिएहरसालयूरोप,कजाकिस्तानआदिदेशोंसेसर्दियांबितानेआतेहैं।बीकानेर,कोलायत,छत्तरगढ़औरमहाजनमेंप्रवासीपक्षियोंऔरवन्यजीवोंपर14256स्क्वायरकिमीमेंट्रांजिटसर्वेरविवारकोखत्महोगया।
वाइल्डलाइफइंस्टीट्यूटऑफइंडियाकेदसदलदसदिनतकबीकानेरकेजंगलोंमेंघूमे।सर्वेकेमाध्यमसेप्रवासीपक्षियोंऔरवन्यजीवोंपरइंस्टीट्यूटनेपूराडाटातैयारकियाहै।दलनेव्हाइटबरोड़बुशचैट,इंडियनईगलआउल,ट्रिंपप्रेटरफिंच,रेडटेलवीटईयर,ओस्प्रो,मर्लिनजैसेप्रवासीपक्षीदेखेजोसामान्यतयानजरनहींआते।
इसकेअलावागोल्डनजैकालकीकॉलोनी,भेड़िया,लोमड़ी,जंगलीबिलावजैसेवन्यजीवभीदेखे।गजनेरऔर750हैडपरवाटरबर्ड्सकीकईप्रजातियांनजरआईं।दलनेअपनेअध्ययनमेंमानाकिबीकानेरमेंडेजर्टकेसाथझीलभीहै।यहांकीभौगोलिकस्थितिप्रवासीपक्षियोंकोरहनेकावातावरणदेतीहैं।
गांवोंमेंजातिविशेषकेलोगभीचिंहितकिएजोवन्यजीवोंकीरक्षाकरतेहैं।दलनेचिंताइसबातपरजताईकियहांगोडावनऔरतिलोरकाफीसंख्यामेंहोनेचाहिएथे,जोअबनजरनहींआरहेहैं।ग्रामीणोंसेभीइससंबंधमेंफीडबैकलियागयाहै।दलनेजोड़बीड़गिद्धसंरक्षणक्षेत्रकादोबारदौराकिया।हालांकिज्यादातरप्रवासीपक्षीवहांसेलौटचुकेहैं।उसकेबादभीदलनेकाफीवहांपक्षियोंकीमैपिंगकीहै।रविवारकोपुरानीगिन्नाणीस्थितविनयगेस्टहाउसमेंदलकेसदस्योंनेअपनेअनुभवसाझाकिए।सर्वेप्रभारीसुत्रिथादत्तानेकहाकिइससर्वेकेअच्छेपरिणामसामनेआएंगे।
लुप्तहोनचुकेवन्यजीवोंकेलिएवातावरणनिर्माणमेंमददमिलेगी।डूंगरकॉलेजकेप्रोफेसरएनवायरमेंटअनिलछंगाणी,प्राणीशास्त्रविभागकेएसोसिएटप्रोफेसरप्रतापसिंह,पक्षीविशेषज्ञडॉ.जितेंद्रसिंहसोलंकीसहितदलकेसभीसदस्यमौजूदथे।इससर्वेमेंमहाराजागंगासिंहयूनिवर्सिटी,डूंगरकॉलेज,वनविभागसहितकॉलेजऔरस्कूलकेस्टूडेंट्सनेभीअपनीसक्रियभागीदारीनिभाई।