जम्मू,सुरेंद्रसिंह: फिरएकखतआयामेरेनाम,फिरकागजमेंउसकीतस्वीरउभरआईहै।किसीशायरनेजबयहशेरलिखाहोगातोउसनेशायदकभीसोचाभीनहींहोगाकिआनेवालीपीढ़ीइसअहसासकोमहसूसनहींकरपाएगी।एकयुगऐसाभीआएगाजबकागजोंपरउतरनेवालेजज्बातखत्महोजाएगाऔरखतइतिहासबनकररहजाएंगे।
मोबाइलइंटरनेटनेयहांदेशदुनियाकोआपसमेंजोड़ातोवहींउसनेकुछउनयादाेंकोभीलेलियाजोकभीकभारघरमेंपुरानीअलमारीकेकिसीकोनेमेंपड़ीमिलतीथी।वहयादेंथींहमारेघरोंमेंआनेवालेखतजोअबनहींआते।मोबाइलपरकीगईबातेंतोकुछदेरबादभूलजातीहैंलेकिनउनकागजकेटुकड़ोंपरलिखकरआनेवालेजज्बातहमेशारहतेथेजिन्हेंबारबारपढ़ाजाताथा।जिसकिसीकाभीखतघरमेंआताथातोउसकेलिखेशब्दऐसाअहसासकरवातेथेमानोंहमखतनहींपढ़रहेबल्किउसव्यक्तिकाकागजपरउतरआयाचेहराहमेंपढ़करसुनारहाहै।युवापीढ़ीकीबातकरें,तोउन्हेंपताहीनहींकिकभीडाकियाभीउनकेघरमेंचिट्ठीलेकरआताथाऔरलोगडाकिएकाइंतजारकरतेरहतेथे।दूरसेजबडाकियाआतादिखतातोउनकेचेहरेपरखुशीआजाती।घरोंमेंबकायदालैटरबाक्सहोताथालेकिनअबलैटरबाक्सघरतोदूरपूरेशहरमेंढूंढनेसेनहींमिलता।डाकविभागअबभीचलरहाहै।बल्किपहलेसेज्यादाचलरहाहैलेकिनफर्कसिर्फइतनाहैकिवहांजज्बातनहींसिर्फसरकारीकागजआतेहैं।
चिट्ठीलिखनेऔरपढ़नेकाअपनाहीमजाथा:युवासाहित्यकारराजेश्वरसिंहराजूकाकहनाहैकिचिट्ठीलिखनेऔरपढ़नेकाअपनाहीमजाथा।जबहमकिसीकोचिट्ठीलिखतेथेतोउसकाचेहरासामनेआजाताथा।हमशब्दोंकोतालतालकरलिखतेथे।चिट्ठीलिखनेकाभीअपनाहीअंदाजथालेकिनमोबाइलक्रांतिनेइनअहसासोंकोछीनलिया।आजभीघरमेंपुरानीचिट्ठियांकभीमिलजातीहैंतोवेपलताजाहोयादेंजाेउनमेंसमाएरहतेथे।लेकिनअबऐसानहींहोता।पहलेफिल्मोंमेंभीचिट्ठीकोलेकरकईगीतबनतेथेजोआजभीकाफीसुनेजातेहैंलेकिनअबवेगानेभीइतिहासबनकररहगएहैं।शायदयुवापीढ़ीकोपताभीनहींहोगाकिडाकियाडाकमेंक्यालेकरआताहै।उन्हेंतोपोस्टकार्डऔरअंतरदेशीयपत्रऔरलिफाफेकीजानकारीभीनहींहोगी।
कईबारचिट्ठियांलिखते,पढ़तेमैंभीबहजाताथाभावनाओंमें: जिनदिनोंमैंस्कूलमेंपढ़ायाकरताथाउनदिनोंमेरेपासअकसरलोगचिट्ठियांपढ़ानेयालिखानेकेलिएआयाकरतेथे।मैंनेअपनेकार्यकालमेंज्यादातरसमयग्रामीणक्षेत्रोंकेस्कूलोंमेंपढ़ायाहै।उससमयभीवहांपरज्यादातरलोगसेनामेंनौकरीकरतेथे।घरोंमेंजवानोंकेबूढ़ेमां-बापयापत्नियांलिख-पढ़नहींसकतीथी।इसलिएवेमेरेपासहीचिट्ठियांलिखानेयापढ़ानेकेलिएआतेथे।उनकीचिट्ठियांलिखते-पढ़तेमेराउनसेएकजुड़ावसाहोगयाथा।उनकीखुशीकेसाथमैंखुशऔरदुखकेसाथमैंभीदुखीहोजाताथा।यहकैसासंबंधबनगयाथा,आजभीइसबारेमेंसोचताहूंतोसमझनहींआता।परंतुआजभीमुझेवोदिनबहुतयादआतेहैं।मैंकिसीकाममेंकितनाभीव्यस्तहोताथा,चिट्ठीपढ़नेयालिखनेकेलिएकभीमनानहींकिया। -सेवानिवृत्तमाॅस्टरबलवंतसिंह
समयकेसाथडाकविभागनेभीबदलाखुदको: कहतेहैंवहीतरक्कीकरताहैजिसनेखुदकोसमयकेसाथबदललिया।यहबातडाकविभागपरभीबिलकुलस्टीकबैठतीहै।चिट्ठियाेंकाचलनकमहुआतोडाकविभागनेअपनीछविकोकमनहींहोनेदिया।आजडाकविभागचिट्ठियोंकेअलावाबैंकिंगसेक्टरकाकामभीकररहाहै।डाकविभागकीओरसेकईसेविंगस्कीमचलाईजारहीहै।फिक्सडडिपॉजिटतकडाकविभागमेंलोगकरवारहेहैं।इतनाहीनहींडाकविभागलोगोंकीआस्थाकाकेंद्रभीबनगयाहै।डाककेमाध्यमसेमातावैष्णोंदेवीवअन्यकईतीर्थस्थलोंकेप्रसादकीहोमडिलीवरीभीडाकविभागकररहाहै।इसकेअलावाएकजगहसेदूसरीजगहपैसोंकोट्रांसफरकरनेकाकामभीडाकविभागकररहाहै।इसकालाभउनलोगोंकोमिलरहाहैजाेअपनेघरोंसेदूरकमाईकरनेकेलिएआएहैंऔरवेअपनेपरिवारतकसुरक्षितपैसापहुंचानाचाहतेहैं।
कश्मीरकीडलझीलमेंहैदुनियाकाएकमात्रतैरताहुआडाकघर: जम्मूकश्मीरमेंडाकविभागकीअपनीअलगपहचानहै।यहपहचानबनीहैकश्मीरकीडलझीलमेंतैरतेहुएडाकघरसेजोभारतकाहीनहींबल्किदुनियाकाएकमात्रतैरताहुआडाकघरहै।इसडाकघरकाउद्धाटनवर्ष2011मेंहुआथाऔरइसडाकघरमेंचिट्ठयोंपरलगनेवालीस्टेंपभीअलगहैंजिसमेंनावचलातानाविकदिखताहै।यहांदीजानेवालीअन्यसेवाओंमेंइंटरनेटसुविधाऔरअंतरराष्ट्रीयफोनकॉलशामिलहैं।इसकेअलावा,पोस्टऑफिसकेपरिसरमेंएकडाकटिकटसंग्रहालयहैजिसमेंटिकटोंकाविशालसंग्रहहै।इसकेअलावाएकदुकानभीहैजहांसेपोस्टकार्ड,टिकट,स्थानीयआइटमऔरग्रीटिंगकार्डखरीदसकतेहैं।